कामेश्वरी यक्षिणी साधना

कामेश्वरी यक्षिणी साधना मनोकामना पूर्ति के लिए और दिव्य रसायन प्राप्त करने के लिए की जाती हे, इस यक्षिणी की साधना हर कोइ कर सकता हे, योगिनी,   किन्नरी,  अप्सरा  आदि  की  तरह   ही यक्षिणियां भी मनुष्य की समस्त कामनाओं की पूर्ति करती हैं।  साधारणतया 36 यक्षिणियां हैं तथा उनके वर देने के प्रकार अलग-अलग  हैं। माता,  बहन या पत्नी के रूप में उनका वर्णन किया जाता है। उनकी साधना के पहले  तैयारी  की  जाती  है, जो  अधिक कठिन है, बजाय साधना के।

साधना के साधारणतया नियम माने जाते हैं तथा विशिष्ट प्रयोगों में यंत्र प्राप्त  कर उसे  प्राण-प्रतिष्ठित कर  आवश्यक  वस्तुएं,  जो हर किसी देवी की अलग-अलग होती हैं, उसका प्रयोग किया जाता है। कुछ लोग  यक्ष  तथा  यक्षिणियों  को  देवता तथा देवियों की ही एक उपजाति के रूप में मानते हैं  और उसी प्रकार उनका पूजन तथा आराधनादि भी करते हैं

तो चलिए विस्तार से जानते हे कामेश्वरी यक्षिणी साधना कैसे करते हे उसके विधि विधान के बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,

कामेश्वरी यक्षिणी साधना

मन्त्र-

ॐ ह्रीं आगच्छागच्छ कामेश्वरी स्वाहा।

साधन विधि–

साधना से पूर्व स्वच्छता का खास ध्यान रखे अपने गुरु की आज्ञा लेकर साधना प्रारम्भ करे या अपने इष्ट देव की आज्ञा लेकर साधना प्रारम्भ कर सकते हे जो साधक नये हे तंत्र का कुछ पता नहीं हे वो ऐसे ही साधना ना करे किसी योग्य गुरु का जरुर मार्गदर्शन ले तब जाके साधना प्रारम्भ कर सकते हे,

पवित्र होकर, एकासन पर बैठ, तीनों सन्ध्याओं में इस मन्त्र का एक-एक  सहस्र जप  करे  तथा  रात्रि  के समय पुष्प, धूप, दीप,  नैवेद्य आदि से देवी का पूजन कर मन्त्र का जप करे और प्रसन्न रहे तो  ‘कामेश्वरी यक्षिणी’ प्रसन्न  होकर आधी रात  के  समय  प्रकट होकर साधक को दिव्य रस-रसायन देती है।

इस तरह आप कामेश्वरी यक्षिणी साधना करके और इसकी सिद्धि हासिल करके अपनी मनोकामना पूर्ण कर सकते हो और उसकी सिद्धि हासिल कर सकते हो.

यह भी पढ़े 

सट्टे का नंबर जानने की विधा

डेढ फुटिया साधना

अकाल मृत्यु नाशक मंत्र 

महाकाली साधना

मेलडी साधना

 

Spread the love

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here