गर्भ रक्षा के लिए और गर्भ स्तम्भन के लिए आपके लिए बहुत शक्तिशाली मंत्र लेकर आया हु जिस औरत को गर्भ ठहरता नहीं हे बार बार गिर जाता हे उस औरत को इस मंत्र का प्रयोग जरुर करना चाहिए ये मंत्र नरसिंह वीर का शक्तिशाली मंत्र हे और इसका प्रयोग प्राचीन काल में बहुत होता था क्योकि उस समय में इतने सुविधा नहीं थी और अस्पताल भी नहीं थे तब इस मंत्र का प्रयोग करते थे,
तो चलिए विस्तार से जानते हे गर्भ रक्षा के लिए और गर्भ स्तम्भन के लिए इस मंत्र को कैसे सिद्ध करे और इसका प्रयोग कैसे करे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
मंत्र
ॐ नारसिंह वीर, एक पुत्र माड़ ।
मर्द गर्भ जातो रहे, एक मासियों ।
दो मासियों, तीन मासियों, चौमासियों ।
पञ्चमासियों, छठमासियों, सतमासियों।
अठमासियों, नवमासियों, दसमासियों ।
मर्द तेरी शक्ति फुरें।
विधि
उपर्युक्त मंत्र को लगातार ७ दिन तक रात ११ बजे एक माला करे मंत्र सिद्ध हो जायेगा इस मन्त्र को सिद्ध करके मौली लेकर या कच्चा सूत लेकर जच्चा के शरीर बराबर ७ बार नापकर सतेवड़ा कर डोरा बनाकर इस मन्त्र को बोलकर नौ गाँठ लगाकर उसके बाद १०८ मन्त्रों से डोरा अभिमन्त्रित करके जच्चा की कमर पर धारण करवा दें तो गर्भ की रक्षा होती है।
गर्भ स्तम्भन के लिए मंत्र
मन्त्र
ॐ नमो आदेश गुरु को।
जय जय जय जय जयकार
गोरख बैठा घोरूवार ।
जब लग राज विभीषण करै।
गौरा कात्या कातना ।
ईश्वर बांध्या गंडा |
राखु राखु श्री हनुमन्त बजरंग।
जो छिटका परता।
अंडा दूध पूत ।
ईश्वर की माया ।
पड़ता गर्भ ।
श्री गोरखनाथ जी रखाया।
मेरी भक्ति। गुरु की शक्ति ।
फुरो मन्त्र । ईश्वरो वाचा ॥
विधि
इस मन्त्र को ग्रहण में सिद्ध करके (जब तक ग्रहण चले तब तक मंत्रजाप करना हे) फिर कभी भी काले रंग का धागा लेकर इस मन्त्र से १०८ बार शक्तिकृत करके गर्भवती स्त्री की कमर पर बंधवा दें तो प्रभु कृपा से गिरता हुआ गर्भ रुक जायेगा।
इस तरह आप गर्भ रक्षा के लिए और गर्भ स्तम्भन के लिए इस मंत्र का प्रयोग करके गिरता हुआ गर्भ रोक सकते हो.
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