घर में सुख शान्ति

रूई सवा सौ ग्राम लो उस रूई को 7 बार जो झगड़ा करता है उसके ऊपर उतारो और तेल को अपने पास रखो जब रूई पूरे परिवार पर उतर जाये उस रूई की बत्ती बनाओ जितनी भी बने उतनी बनाओ और उन बत्तियों को शनिवार के दिन मिट्टी के बड़े दिये में डालकर और तेल भरकर सिर्फ एक बत्ती जला दो किसी पवित्र स्थान पीपल के नीचे और उस तेल पर सबके हाथ लगवा दो। 5 शनिवार यह कार्य करें घर में सुख शान्ति स्थापित हो जायेगी।

घर में सुख शान्ति

निवारण

पूर्णमासी के दिन चन्द्रमा के सामने ग्यारह लोटे मीठा और जौ के दाने डालकर चढ़ावे और दिन के समय सूर्यदेव को रोटी के टुकड़े पर लौटा सिर से ऊपर करके चढ़ावें इस विधि के करने से घर में सुख शान्ति स्थापित हो जायेगी।

क्रोधाग्नि शांत करने का मंत्र

मंत्र

हथेली तो हनुमंत बसै भैरूं बसै कपाल, नाहरसिंह की मोहनी मोहा

सब संसार, माहन रे मोहंता बीर सब बीरन में, तेरा सीर सब दृष्टि बांधि दे

मोहि तेल सिंदूर चढ़ाऊं तोहि तेल सिंदूर कहां से आया कैलाश पर्वत से

आया, कौन लाया अंजनी का हनुमंत, गौरी का गणेश, कारा गोरा तोतला

तीनों बसैं कपाल, बिंदा तेल सिंदूर का दुश्मन गश पाताल, दुहाई कामियां

सिंदूर की हमें देखि शीतल हो जाए, मेरी भक्ति गुरु की शक्ति फुरो मंत्र

ईश्वरो वाचा सतनाम आदेश गुरु का।

विधि विधान

यदि कोई बड़ा अफसर आदि क्रोधित हो तो रविवार को नृसिंह का विधिवत

पूजन करके उपर्युक्त मंत्र का एक सौ इक्कीस बार जप करें। जप के समय में तेल

का दीपक जलाए रखें तथा लोबान आदि जलाकर वातावरण को सुगंधमय बनाए

रखें। सात रविवार यह क्रिया करने से मंत्र सिद्ध हो जाता है। मंत्र सिद्ध हो जाने पर

एक सौ इक्कीस बार सिंदूर को अभिषिक्त कर, उसका मस्तक पर तिलक कर अफसर के सामने जाएं। अफसर का क्रोध शांत हो जाएगा और वह बड़ी प्रसन्नता के साथ पेश आने लगेगा।

नारी क्रोध को शान्त करने के लिए

मंत्र

पार्वती बनाये खीर शिव खाये खाये

देखे शिव लोक की माया

धर्म में जग हो यह शिव लोक की माया

पार्वती दे वरदान जग में नारी क्रोध हो शान्त

नारी पार्वती का रूप धर जग में आई

नारी पार्वती की शक्ति धर्म न गाई

पार्वती की शक्ति नर नारियों न गाई

नारी पार्वती का रूप है वेदों न बतलाई

जो नारी धर्म में हो क्रोध कभी न आई

जय जय पार्वती जी माता

इति सिद्धम्!!

नारी जाति इस मन्त्र का मनन करें क्रोध कभी नहीं आयेगा.

पुत्र वधु का सास ससुर से स्नेह करने हेतु मन्त्र

मंत्र

पुत्र बने मात पिता की ढाल

पुत्र को लगा प्यार को रोग

ससुराल पहुंचा गाये गुणगान

बहु को ले साथ पहुंचा घर आंगन

सरवण जैसी इच्छा करें पुत्र पुण्य धरे

मात पिता की सेवा करे कहते आये धर्म वेद

यह ही पुण्य जगत में इससे बड़ा न कोई

जो पुत्र वधु माता पिता की सेवा करे

फले फूले धन भरे पुण्य का धर्म

करे।

सरवण जैसा पुत्र बनकर मात पिता की सेवा करे

जय जय श्री राम को याद करे

जय श्री राम

इति सिद्धम्!!

इस मंत्र की एक एक माला करने से पुरे परिवार में शांति का स्थापन होगा.

पुरुष क्रोध को शान्त करने के लिए

मंत्र

शिवजी नर का रूप बनकर भ्रमण करे

नर का भेष भरकर प्यार की बौछार करे

शान्ति हो जग शक्ति की भरमार करे

नर शिवजी की सन्तान जग का भ्रम टलें

शिव भगति करे नर सन्तों की सोहबत करे

शिव का नाम भजो जग के नर प्राणियों

प्यार करो सबसे यह शिवजी का वरदान प्राणियों

शिव नाम है जग में और सब मिथ्या के फल प्राणियो

ॐ शिव का जाप करो नर नारियो

जय जय शिव धाम

इति सिद्धम्!!

इस मन्त्र को नर नारियों को मनन करना है कभी भी क्रोध नहीं आयेगा,

इस तरह साधक हमारे दिए गई मंत्र और टोटके का प्रयोग करके घर में सुख शान्ति का स्थापन कर सकते हो.

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