तक्षकमुखी नागिनी

अष्ट नागिनी की साधना में से आज में आपको तक्षकमुखी नागिनी साधना देने वाला हु, साधक विधि विधान के साथ इस साधना को करोगे तो आपको जरुर सिद्धि हासिल हो सकती हे, नाग और नागिन की साधना में साधक को अनुभव भी हो सकते हे और कभी कभी प्रत्यक्ष रूप में भी दर्शन दे सकते हे,

तो चलिए विस्तार से जानते हे तक्षकमुखी नागिनी साधना कैसे होती हे और उसका विधि विधान क्या हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,

तक्षकमुखी नागिनी

मंत्र

ॐ कालजिह्वा पू:स्वाहा।

मंत्र को सिद्ध करने का विधि विधान

तक्षक्मुखी नागिनी की साधना ४१ दिन की हे साधक को एकांत कमरे में बैठकर भोजपत्र पर ताक्षक्मुखी का चित्र बनाकर उसको बाजोठ पर रखे फिर पंच्पचार पूजन करे और लाल चन्दन की माला से उपर्युक्त मंत्र की २१ माला करे, जब साधक साधना करे तब पहले नागिनी का पूजन करे और भोजपत्र के पास में एक शुद्ध गाय के दूध का कटोरा रखे फिर मंत्रजाप करे,

साधक के सामने नागिनी किसी न किसी रूप में आकर प्रगट होती हे और साधक को बोलेगी की मुझे यहाँ बुलाने का क्या कारण हे तो साधक को उसको वचन में बाँध लेना हे और इच्छित वर मांग लेना हे, इस नागिनी को सिद्ध करके साधक सुख की प्राप्ति, आकस्मिक धन की प्राप्ति और वैभव की प्राप्ति कर सकता हे,मंत्र सिद्धि के बाद साधक उपर्य्युक्त मंत्र को ग्रहण काल में एक बार अवश्य सिद्ध कर ले ताकि मंत्र की शक्ति जागृत रहे, इस नागिनी की खासियत ये हे की साधक अगर इसका गलत उपयोग करेगा तो उसकी सिद्धि नष्ट भी हो सकती हे इसलिए नागिनी का गलत इसतेमॉल ना करे,

इस तरह साधक तक्षकमुखी नागिनी साधना करके उसकी सिद्धि हासिल कर सकता हे और उनसे अपना कार्य करवा सकते हो.

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