धन प्राप्ति के लिए

धन की प्राप्ति करना कोई आसांन बात नहीं हे धन की प्राप्ति के लिए साधक को महेनत और तंत्र दोनों का सहारा लेना पड़ेगा,धन प्राप्ति के लिए साधक को माता लक्ष्मीजी का आशीर्वाद होना आवश्यक हे जब तक माता लक्ष्मी का आशीर्वाद नहीं मिलता तब तक धन की प्राप्ति करना मुश्किल हे,

माता महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष मंत्र का जाप किया जा सकता है. यहां एक प्रसिद्ध माला मंत्र है जिसे आप अपने ध्यान और जाप के साथ उच्चरण कर सकते हैं:

आप इस मंत्र को दिन में कितनी बार जपें, यह आपके आत्म-साधना और श्रद्धा पर निर्भर करता है। आप प्रतिदिन एक स्थिर समय और स्थान पर इस मंत्र का जाप कर सकते हैं, और ध्यान के साथ मां महालक्ष्मी की आराधना करें। धन प्राप्ति के लिए, उद्देश्य और संकल्प के साथ मंत्र जप करना महत्वपूर्ण होता है।

कृपया ध्यान दें कि मंत्र का उच्चरण सही होना चाहिए, और यह अच्छी भावना और आस्था के साथ किया जाना चाहिए। यह ध्यान और साधना का मामूला होने के बावजूद आपको सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने में मदद कर सकता है।

धन की प्राप्ति के साथ-साथ, सद्गुणों की अपनी जीवन में अधिकतम स्थान देने का प्रयास करें और धन का सही उपयोग करने का संकल्प बनाएं।

तो चलिए विस्तार से जानते हे धन प्राप्ति के लिए माता लक्ष्मी की साधना और उपासना कैसे होती हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,

धन प्राप्ति के लिए

विनियोग

ॐ अस्य श्रीधन  प्रव  महा  लक्ष्मी  सिद्ध- शावर मन्त्रस्य श्रीविष्णु

ऋषिः ।  श्रीमहा लक्ष्मी देवता। श्री  बीजं ।  ह्रीं शक्तिः । क्ली

कोलकं । मम  सकल   कामना   सिद्धयर्थे  जपे विनियोगः

यह कह कर जल छोड़े।

ऋष्यादि-न्यास

शिरसि  श्री  विष्णुषये  नमः । मुखे  अनुष्टुप् छन्दसे नमः । हदि

श्रीमहा लक्मीदवतायै नमः । गुह्ये  थी  वोजाय नमः । पादयोः ह्रीं

शक्तये नमः । सर्वाङ्ग  क्लों  कोलकाय नमः । अञ्जली  सकल  कामना

सिवर्षे  जपे  विनियोगाय  नमः।

कर-न्यास

श्रीं ह्रीं क्लीं अंगुष्ठाभ्यां नमः  ।  श्रीं  ह्रीं  क्लीं तर्जनीभ्यां नमः ।

श्रीं ह्रीं क्लीं मध्यमाभ्यां नमः ।  श्रीं  ह्रीं   क्लों अनामिकाम्यां नमः ।

भी हों क्लों कनिष्ठिकाभ्यां नमः । श्रीं ह्रीं  क्लीं करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः।

हृदयादि-न्यास

श्रीं ह्रीं क्लीं हृदयाय नमः । श्रीं  ह्रीं क्लीं  शिरसे स्वाहा । श्रों ह्रीं क्लों शिखायै वषट् । श्रीं ह्रीं क्लीं कवचाय हुँ। श्री ह्रीं क्लीं नेत्र- त्रयाय वौषट् । श्रीं ह्रीं क्लीं अस्त्राय फट्।

ध्यान

ॐ  या  सा  पासनस्था  विपुल- कटि-तटिपंच-पनायताक्षी, गम्भीरावत  नाभिः स्तन मर नमिता शुभ वस्त्रोत्तरीया।   लक्ष्मीविव्यंगजेन्द्रमणि गण खचित स्नापिता हेम कुम्भः, नित्यं सा पम हस्ता मम वसतु गहे सर्व माजल्य  वक्ता।।

मंत्र

“ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नमः।”

विधि विधान

साधक उपर्युक्त मंत्र का जाप कमलगट्टे की माला से हररोज एक माला कर सकता हे और माता रानी की प्रतिमा के सामने शुद्ध गाय के घी का दीपक प्रज्वलित करके माता रानी को खुश कर सकता हे और उसके आशीर्वाद प्राप्त कर सकता हे,

इस तरह साधक धन प्राप्ति के लिए माता लक्ष्मी की साधना और आराधना करके माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकता हे,

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