निन्दा की निवृत्ति

निन्दा की निवृत्ति के लिए आज में आपको कुछ टोटके और मंत्र देने वाला हु जिसका प्रयोग करके आप निंदा की निवृत्ति कर सकते हो,

निन्दा की निवृत्ति

मंत्र

राम कृपा अबरेव सुधारी। बिबुध धारि भइ सुनद गोहारी ॥

विधि विधान

इस मंत्र का जाप साधक को सुबह और शाम एक एक माला करना हे,

निन्दा की निवृत्ति के लिए एक मंत्र साधना करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

स्थिरता का संकेत:

एक शांत और स्थिर मंदिर या कमरे में बैठें, जहां आपको किसी भी प्रकार के व्याकुलता या व्यथा का सामना नहीं करना पड़ेगा. यह आपको मानसिक शांति और स्थिरता में मदद करेगा.

ध्यान की प्रारंभिकता:

अपने शरीर को सुखी, रहस्यमय और संतुलित महसूस करने के लिए कुछ समय ध्यान करें. अपनी सांसों को ध्यान दें और अपने मन को स्थिर करने का प्रयास करें.

मंत्र चयन:

निन्दा के लिए मंत्र चयन करें जो आपके लिए सकारात्मक और शक्तिशाली हो. एक संयमित और सरल मंत्र जैसे “अहम् ब्रह्मास्मि” या “शान्तिः शान्तिः शान्तिः” का उपयोग कर सकते हैं. इस मंत्र को स्वयंसिद्ध मंत्र या गुरु के समर्पित मंत्र के रूप में चुन सकते हैं.

मंत्र जप:

बिना निरंतरता के मंत्र का जाप करें. आप इसे अपनी प्राणायाम के साथ सम्बद्ध कर सकते हैं, जिससे आपका मन और शरीर एकीकृत होते हैं. अपने मन को संगठित और समर्पित रखें जब आप मंत्र का जाप कर रहे हों.

समाप्ति:

साधना के अंत में, ध्यान में रहते हुए धन्यवाद करें और अपनी साधना को समाप्त करें. धीरे-धीरे अपनी आंखें खोलें और ध्यान से अपने आस-पास के वातावरण को अनुभव करें.

यदि संभव हो तो इस साधना को नियमित रूप से करने का प्रयास करें, ताकि आप निन्दा की निवृत्ति में स्थिर और सक्रिय बन सकें. साधना के दौरान शांति और सकारात्मकता की भावना को स्थायी रूप से अपनाएं और अपने जीवन की अन्य क्षेत्रों में भी इसे लागू करें.

इस तरह साधक हमारे दिए गइ मंत्र और टोटके का प्रयोग करके निंदा की निवृत्ति कर सकता हे.

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