आज में इस पोस्ट में बैरी के जेर करिवा का शक्तिशाली मंत्र लेकर आया हु और ये मंत्र हनुमानजी का प्रचंड और गुप्त मंत्र हे,हनुमानजी के मंत्र की सिद्धि आप करते हो तो आपको पूर्ण रूप से ब्रह्मचर्य का पालन करना आवश्यक हे जब तक साधक तन और मन से ब्रह्मचर्य का पालन नहीं करेगा तब तक हनुमानजी के मंत्र की सिद्धि प्राप्त नहीं होगी,
तो चलिए विस्तार से जानते हे बैरी के जेर करिवा का मंत्र कैसे सिद्ध होता हे और उसका विधि विधान क्या हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
मंत्र
ॐ नमो हनुमंत बलवन्त माता अंजनी पुत्र हल हलंत आओ। चढ़ंत आओ गढ़ किल्ला तोरंत आओ लंका जाल वाल भस्म करि आओ ले । लांगू लंगूर ते लपटाय सुमरिते पट काओ चन्द्री चन्द्रावली भवानी मिल गावें मंगल चार जीते राम लक्ष्मण हनुमान जी आओ जी तुम आओ। सात पान का बीड़ा चावत मस्तक सिन्दूर चढ़ाओ आओ मन्दोदरी क सिंहासन डुलंता आओ यहां आओ हनुमान माया जागतें। नृसिंह माया आगे भैंरू किल्किलाय ऊपर हनुमंत गाजे दुर्जन को डार दुष्ट को मार संहा राजा। हमारे सतगुरु हम सतगुरु के बालक मेरी भक्ति गुरु की शक्ति फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा ।
विधि-
प्रथम मंत्र के सिद्धार्थ १०००० मंत्र जप ४१ या २१ दिनों में ७ पान का बीड़ा ७ लड्ड मंगल को भोग धरे अन्य बार १ बीड़ा ७ बतासा नित्य विधि युक्ति धूप दीप नैवेद्य से हनुमान जी का पूजन करे अन्त में सिंदूर को सान के चढ़ावे तो सिद्धि हो ।
इस मंत्र की सिद्धि के लिए खासकर ब्रह्मचर्य का पालन करना हे और हो सके तो किसी गरीब को भोजन कराना हे ताकि मंत्र सिद्धि आपको तुरंत हासिल हो सके,
इस तरह साधक बैरी को जेर करिवा का मंत्र का प्रयोग कर सकता हे,साधक को इस मंत्र को गुप्त रखना हे और इसका जिक्र किसीको नहीं करना हे.
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