भुत प्रेत बाधा नाशक

आज के समय के तांत्रिक कुछ पैसो के लिए किसीकी जिंदगी बर्बाद कर देते हे,गुरु के पास साधना लेकर वो उस साधना का गेरउपयोग करते हे,भुत प्रेत डाकिनी शाकिनी की उसके पास सिद्धि होती हे इसलिए उसको वचन में बांधकर किसी व्यक्ति पर छोड़ते हे और वो शक्ति उस व्यक्ति का जीवन बर्बाद कर देती हे,कई बार ऐसी जगह पर जाने से भी भुत प्रेत की छाया लग जाती हे ज्यादातार डाकिनी शाकिनी,भुत प्रेत लड़की या स्त्री पर छोड़े जाते हे,यहाँ में जो भुत प्रेत बाधा नाशक मंत्र और टोटके दे रहा हु उसका प्रयोग से आप इस समस्या का समाधान आसानी से कर सकते हो,

हमारे दिए गइ मंत्र और टोटके का प्रयोग करके किया कराया जादू टोना का तोड़ भी आसानी से कर सकते हो,तो चलिए विस्तार से जानते हे भुत प्रेत बाधा नाशक मंत्र का प्रयोग कैसे करते हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,

भुत प्रेत बाधा नाशक

ऊपरी बाधा निवारक मंत्र

मंत्र

तेली नीर तेल पसार चौरासी सहस्र डाकिनी

हेल ऐत नेर भार मुंह तेल पढ़िया देई।

अमुकं कार अंग अमुकं कार भर अड़ दल शूल यक्षा

यक्षानी दैत्या दैत्यानी भूता भूती प्रेता प्रेती

दानव दानवी निशाचरा सूचमुखा गाभर डलन

बात भाइया नाड़ी मोगाई अंगेधा काल जटार माया

खाउ ह्रीं फट् स्वाहा, सिद्ध गुरुर चरण राटेर कालिका चण्डीर आज्ञा।

दीपावली के दिन दस माला जप करके मंत्र को सिद्ध कर लें। फिर जब भी आवश्यकता पड़े तो मंत्र से सरसों का तेल सात बार अभिमंत्रित करके रोगी के शरीर पर मालिश करने से ऊपरी बाधा का निवारण हो जाता है।

चुडेल के उतारने का टोटका

निवारण-

पाँच तेल की बत्ती जलाओ और गुग्गल की धुनी जलाओ, पाँच मिर्च उस बीमार पर से उतार कर एक-एक बत्ती पर एक-एक मिर्च फूंकों और यह कार्य करने के बाद मीठा चावल बनाकर वीरवार के दिन शाम अन्धेरे में पीर पर चढ़ाओ और शनि से शनि तक तीन लड्डू और एक पाव उड़द उबाल का साबुत चौराहे पर रखो इसी के बीच में एक दिन मीठे चावल किसी तालाब पर चढ़ाओ शाम के समय यह कार्य करने से चुडेल सिर से उतर जायेगी। बीमार करे तो बहुत अच्छा होगा अगर दूसरा आदमी करे तो बीमार से सात बार उतार कर ले जाय यह विधि करने से चुड़ेल उतर जायेगी फिर सवा महीने तक गुग्गल की धुनी घर में जलाओ और गंगाजल का छींटा लगाओ।

नजर झाड़ने के लिए मन्त्र

मंत्र

ॐ कुर्णुभुष्डम यक्षीणी

मात्रियामिः प्रान्तमः भाव गति शरिरमः

मुक्तेश्वरम: भंवरम् उत्तारणमौः

नमः नमः!!

पानी 5 बार उतारकर अग्नि में प्रवाहित करना है,

भावार्थ-

कानों में आभूषण युक्त यक्षिणी मात्र स्वरूपा शान्त शरीर को भाव एवं गति देकर मुक्ति प्रदान करने वाली संसार से पार उतारने वाली देवी को बारम्बार नमस्कार है।

शाबर मंत्र

सवा लाख से सिद्ध किये जायेंगे या फिर शिव गोरक्ष योगी को सवा लाख जाप करें वह मनुष्य इन मन्त्रों को चला सकता है।

नयना अस्ती फिरिंगारियम्

यस्तु महाकालम् प्रम वीरागंनम्

भुत प्रेत बाधा नाशक मंत्र

मंत्र

बैर बैर चुडैल पिशाचिनी बैर निवासी

कहूं तुझे सुनु सर्वनासी मेरी गांसी

वर बैल करे तूं कितना गुमान

काहे नहीं छोड़ती यह जन स्थान

जो चाहे तू देखना आपन मान

पल में भाग कैलाश ले अपनो सान

आदेश देवी कामरू कामाक्षा माई

आदेश हाड़ि दासी चण्डी की दुहाई।

सर्वप्रथम किसी विशेष अवसर (दीपावली की रात्रि अथवा ग्रहण के समय) पर उपर्युक्त मंत्र को एक हजार ग्यारह बार जप कर सिद्ध कर लें। जप के बाद एक सौ आठ बार मंत्र पढ़कर और लोबान की सात आहुतियां देकर हवन करें। इस प्रकार मंत्र सिद्ध हो जाएगा। जब कोई व्यक्ति भूत-प्रेतनी बाधा से ग्रस्त हो, तो उसे सामने बैठाकर मंत्रोच्चारण करते हुए उस पर फूंक मारें। यह क्रिया इक्कीस बार करें तथा हवन की थोड़ी-सी राख चुटकी में लेकर मंत्र से अभिमंत्रित कर रोगी के सिर पर डाल दें। यदि एक बार में आराम न हो, तो यह क्रिया नित्य कुछ दिनों तक करें।

प्रेतबाधा से मुक्ति का मंत्र

मंत्र

बांधो भूत जहां तु उपजो

छाड़ों गिरे पर्वत चढ़ाइ

सर्ग दुहेली तु जभि

झिलमिलाहि हुंकारे हनुमंत

पचारै सीमा जारि जारि

भस्म करे, जौं चापें सीउ।

सर्वप्रथम होली या दीपावली की रात्रि में, एकांत में बैठकर इस मंत्र को एक सौ आठ बार जप कर और साधारण हवन-क्रिया कर सिद्ध कर लें। अब स्त्री या भूत- -प्रेत का प्रकोप हो गया है, उसे स्वस्थ करने के लिए निम्न पुरुष, जिस पर भी प्रयोग करें-

रोगी को अपने सामने बैठाकर आम की लकड़ी की अग्नि में लोबान द्वारा आहुति देकर, मंत्र को धीमे स्वर में पढ़ते हुए ग्यारह बार हवन-प्रक्रिया करें। रोगी को ऐसी स्थिति में बैठाना चाहिए कि लोबान का धुआं उसके शरीर को छूता और चेहरे से टकराता रहे। इससे प्रेतबाधा का शमन हो जाता है।

अथवा रोगी को सामने बैठाकर एक लोटे में जल लें और उस पर सात बार उपरोक्त मंत्र पढ़कर फूंक मारें। तदुपरांत मंत्र पढ़ते हुए ही वह जल रोगी पर सात बार छिड़कें। इस क्रिया से भी भूत-प्रेत बाधा दूर हो जाती है। तीसरी क्रिया में रोगी को सामने बैठाकर मोरपंख से उसके शरीर को सिर से पांव तक मंत्र का जप करते हुए झाड़ा लगाएं। सात बार यह क्रिया करने से ही भूतोन्माद से ग्रस्त व्यक्ति रोगमुक्त हो जाता है।

इस तरह आप भुत प्रेत बाधा नाशक मंत्र का प्रयोग करके डाकिनी,शाकिनी,भुत,प्रेत,चुडेल और किये कराया जादू टोना का तोड़ कर सकते हो.

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