मनोरथ सिद्धि यानि की मनोकामना की पूर्ति आज के समय में कोई इन्सान ऐसा नहीं हे की उसको मनोकामना ना हो,कोई न कोइ व्यक्ति इस समय में कुछ न कुछ करना चाहता हे पर समय और किस्मत साथ न होने की वजह से कार्य नहीं बनते,आज में इस पोस्ट में मनोरथ सिद्धि के लिए मंत्र लेकर आया हु जिसका प्रयोग करके आप मनोकामना पूर्ण कर सकते हो,
मनोरथ सिद्धि या मनचाहे इच्छा की प्राप्ति के लिए धार्मिक और तांत्रिक दोनों प्रकार की साधनाएं होती हैं। यहां मैं आपको एक प्रसिद्ध मंत्र साधना के बारे में बता रहा हूँ जिसका उपयोग मनोरथ सिद्धि के लिए किया जाता है।
मंत्र:
“ॐ गं गणपतये नमः। वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येषु सर्वदा।।”
मंत्र का अर्थ: “मैं गणपति को नमस्कार करता हूँ, जिनका शरीर वक्र (घुमावदार) है, जिनका विग्रह बड़ा और प्रकाशमान है। हे देव, सभी कार्यों में हमें बाधाएँ नष्ट करो।”
साधना करने की विधि:
साधक को स्वच्छंद होना चाहिए। ध्यान के लिए एक शांत और सुखद स्थान चुनें।
इस मंत्र का जप बेल पत्रिका या रुद्राक्ष माला के साथ करें।
एक स्थूल दीपक और अर्घ्य के लिए जल रखें।
प्रातःकाल में स्नान करें और साधना के लिए विशेष वस्त्र पहनें।
प्रतिदिन नियमित रूप से इस मंत्र का १०८ बार जप करें।
जप पूर्ण होने पर अर्घ्य दें और दीपक को जलाएं।
साधना को प्रतिदिन कम से कम ११ दिनों तक करें।
साधना के दौरान, आपको प्रायः शुभ संकेत मिल सकते हैं और आपकी मनोकामनाएं पूरी होने के सम्भावना बढ़ सकती है। ध्यान दें कि मंत्र साधना को करने से पहले आपको किसी अनुभवी गुरु की मार्गदर्शन का भी ध्यान रखना चाहिए।
यदि आप इसे करने से पहले धार्मिक या तांत्रिक ज्ञान के प्रति आपको अवगत नहीं है, तो इसे अपने गुरु या पंडित से परामर्श लेकर ही करें। साधना को समझे और ध्यानपूर्वक अपनाएं। ध्यान रहे कि सभी साधनाएं सावधानी पूर्वक और समर्थ रूप से करनी चाहिए।
मंत्र
भव भेषज रघुनाथ जसु सुनहिं जे नर अरु नारि ।
तिन्ह कर सकल मनोरथ सिद्ध करहिं त्रिसिरारि ॥
विधि विधान
मनोरथ सिद्धि के लिए आप उपर्युक्त चौपाइ का भी प्रयोग कर सकते हो आपको रात १० बजे से लेकर १ बजे तक इस चौपाई का पाठ करना हे किसी भी शुभ दिन से आप जाप कर सकते हो,
इस तरह आप मनोरथ सिद्धि के लिये हमारे बताये गई विधि विधान और मंत्र का प्रयोग करोगे तो आपको जरुर सफलता प्राप्त हो सकती हे.
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