विजयवा यक्षिणी साधना

युद्ध में विजय प्राप्ति के लिए विजयवा यक्षिणी साधना का प्रयोग किया जाता था, ये यक्षिणी अगर सिद्ध हो गई तो युद्ध में विजय की प्राप्ति होती हे और शत्रु चाहे कितनी भी कोशिश करे उसके अस्त्र और शस्त्र के घाव शरीर पर नहीं लगते.

तो चलिए विस्तार से जानते हे विजयवा यक्षिणी साधना कैसे की जाती हे और उसका विधि विधान क्या हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे.

पहले चान्द्रायण व्रत किया  जाता है। इस व्रत में प्रतिपदा को 1 कौर भोजन, दूज को 2 कौर इस प्रकार 1-1  कौर भोजन  पूर्णिमा तक करके पूर्णिमा के बाद 1-1  कौर कम करते  हुए व्रत किया जाता है। इसमें 1  कौर भोजन के अलावा  कुछ नहीं लिया जाता है। इससे कई जन्मों  के पाप कट जाते हैं।  पश्चात  16  रुद्राभिषेक किए  जाते हैं,  साथ में महामृत्युंजय 51 हजार तथा कुबेर यंत्र 51  हजार कर भगवान  भूतनाथ  शिवजी  से  आज्ञा ली जाती है। स्वप्न में यदि व्यक्ति के श्रेष्ठ कर्म हों तो भोलेनाथ स्वयं आते हैं या सुस्वप्न या कुस्वप्न  जिसे  गुरुजी बतलाकर  संकेत  समझकर प्रार्थना  की  जाती  है। कुस्वप्न होने पर साधना नहीं की जानी चाहिए। यदि की  गई  तो  फलीभूत नहीं होगी या फिर  नुकसान होगा। साधना के दौरान  ब्रह्मचर्य,  हविष्यान्न आदि का ध्यान रखता होता है।

साधना के साधारणतया नियम माने जाते हैं तथा विशिष्ट प्रयोगों में यंत्र प्राप्त  कर उसे  प्राण-प्रतिष्ठित कर  आवश्यक  वस्तुएं,  जो हर किसी देवी की अलग-अलग होती हैं, का प्रयोग किया जाता है।

विजयवा यक्षिणी साधना

मंत्र

” जीव पातालमर्दने हुं स्वाहा।”

साधन विधि-

इस मन्त्र का २००० जप करने  तथा  सेवती के फूल का दशांश हवन करने से विजयदा  यक्षिणी  प्रसन्न होकर साधक को युद्ध में विजय प्रदान करती है। उसे अद्भुत  बल   प्राप्त  होता है  तथा शरीर  में  घाव  नहीं लगता। यदि  इस  मन्त्र का यात्रा  करते  समय  जप करता   रहे  तो  बहुत चलने  पर   भी   थकावट  नहीं पाती है।

इस तरह साधक विजयवा यक्षिणी साधना करके उसकी सिद्धि हासिल कर सकता हे.

हम इस वेबसाइट पर अपने साधको को साधना सिखाने के लिए बहुत महेनत करके पोस्ट लिखते हे क्योकि यहाँ जो मंत्र और विधि बताई जाती हे वो सटीक होती हे हमारी पोस्ट आप भक्तो को और साधको को अच्छी लगे तो आप हमें हमारे निचे दिए गई स्केनर पर अपना अनुदान कर सकते हे ताकि हमें काम करने में प्रोत्साहन मिले और आगे हम   आपके लिए सेवा कर सके!!

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