यक्षिणी किन्नरी भूतनी और नायिका की साधना मनोकामना पूर्ति के लिए की जाती हे इन सब शक्ति से आप तंत्र विधा भी कर सकते हो पर कुछ ऐसे कार्य होते हे वो इन शक्ति से नहीं होता, कही महाकाली की चौकी हो या बेताल की चौकी हो या नरसिंह की चौकी हो तो ये शक्ति वहा कुछ नहीं कर सकती,नायिका की साधना धन की प्राप्ति इच्छित वर की प्राप्ति के लिए साधना की जाती हे,आज में आपको अष्ट नायिका में से एक विजया नायिका साधना देने वाला हु इसकी साधना करके आप विजया नायिका की सिद्धि हासिल कर सकते हो,
यक्षिणी किन्नरी भूतनी और नायिका की काम करने की क्षमता कुछ खास कार्य तक मर्यादित रहती हे वो बड़ी से बड़ी तंत्र विधा नहीं हे ये सब शक्ति मनुष्य जाती की शक्ति हे कोई आदि शक्ति नहीं हे इसलिए इसका प्रयोग साधक को सोच समजकर करना चाहिए,
तो चलिए विस्तार से जानते हे विजया नायिका साधना कैसे होती हे और उसका विधि विधान क्या हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
मंत्र
“ॐ हिलि हिलि कुटी कुटी तुहु तुहु मे वशं वश माँनय विजये श्र: श्र: स्वाहा।
साधन विधि-
नदी तटवर्ती श्मशान में जो भी वृक्ष हो, उसके ऊपर चड़कर रात्रि के समय में उक्त मन्त्र का जप करना चाहिए।
तीन लाख मन्त्र का जप पूरा हो जाने पर विजया’ नामक नायिका प्रसन्न होकर साधक के वशीभूत होती है और उसे अभिलाशीत वर प्रदान करती है। जब नायिका आपके सामने प्रगट हो जाये तो आपको उस शक्ति को वचन में बाँध लेना हे और जिंदगी भर आपका कार्य करे उस तरह का वचन ले लेना हे,
इस तरह साधक विजया नायिका साधना करके उसकी सिद्धि हासिल कर सकता हे और अपनी मनोकामना पूर्ण कर सकता हे.
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