अगर किसी व्यक्ति को उसका दुश्मन हेरान कर रहा हे तो आप इस मंत्र का प्रयोग करके शत्रु को मित्र बना सकते हो और अपनी दुश्मनी का अंत कर सकते हो,
तो चलिए विस्तार से जानते हे शत्रु को मित्र बनाने के लिए आप इस मंत्र का प्रयोग कैसे करे और उसका विधि विधान क्या हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
मंत्र
गरल सुधा रिपु करहिं मिताई। गोपद सिंधु अनल सितलाई ॥
शत्रु नाश के लिए मंत्र
ऊँ नमो भगवते सप्त वदनाये आद्य कपि मुखाय वीरहनुमते सर्व शत्रु संहारणाय ठं ठं ठं ठं ठं ठं ठं ॐ नमःस्वाहा।।
साधना:-
उपर्युक्त मंत्र को सिद्ध करने के लिए साधना आप मंगलवार या शनिवार से साधना शुरू कर सकते हो,रात्री के 10 बजे से साधना का प्रारम्भ करे,स्वच्छ,स्नानदिक होके एकांत जगह पे बैठ जाये ये हनुमान जी का शकितशाली मंत्र हे इसलिए स्त्री को साधना खंड में प्रवेश करने न दे। ये साधना लगातार 21 दिन तक करे मंत्र साधना के दरमियान ब्रह्मचर्य का पालन करना अनिवार्य हे, हररोज 7 माला करे मंत्र सिद्ध हो जायेगा।
साधना के दरमियान साधना खंड में ही सो जाये या निचे जमीन पर शयन करे पलंग पर सोना नहीं हे।
प्रयोग
ये मंत्र बहुत ही शक्तिशाली मंत्र हे इसका उपयोग बिना कारन या वजह के ना करे, जब शत्रु ज्यादा तंग करने लगे तब इसका प्रयोग करे बिना वजह के उपयोग करोगे तो पलटवार हो सकता हे।
जब कोई शत्रु परेशान करे तब मंत्र में जहा सर्व शत्रु लिखा हे उसकी जगह पर अपने शत्रु का नाम बोले (पूरा नाम बोले) 41 दिन के अन्दर अन्दर उसका नाश हो जायेगा ये मंत्र हमारा अनुभव सिद्ध मंत्र हे मेने इस मंत्र का प्रयोग बहुत बार किया हे उपर्युक्त मंत्र बहुत ही शक्तिशाली मंत्र हे।
इस तरह साधक शत्रु को मित्र बनाने के लिये इस मंत्र का प्रयोग कर सकता हे.
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