अप्सरा का नाम सब साधक मित्रो ने सुना ही होगा वो रूप सौंदर्य और नृत्य से ज्यादातर चर्चा में रही हे, कई अप्सरा ने तो देवी शक्ति को भी मोहित करने का काम किया हे अप्सरा की खासियत ये हे की वो किसीको भी मोहित कर सक्ति हे, अप्सरा की साधना कई प्रकार से होती हे और कई प्रकार की अप्सरा भी होती हे सबकी सिद्धि करने के लिए साधक को अलग अलग क्रिया करनी पड़ती हे तब जाकर अप्सरा सिद्ध होती हे, आज में आपको शशि अप्सरा साधना देने वाला हु और ये साधना बहुत ही प्राचीन और गुप्त साधना हे,
शशि अप्सरा की साधना मुख्यतः मनोकामना पूर्ति के लिए और तंदुरस्त शरीर के लिए की जाती हे इस अप्सरा के आशीर्वाद से साधक लम्बी आयु भी प्राप्त कर सक्ता हे,
तो चलिए विस्तार से जानते हे शशि अप्सरा की साधना कैसे होती हे और उसका विधि विधान क्या हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
इनकी साधना निर्जन पर्वत शिखर पर होती है।
1 माह पूर्ण जप करना होता है। ये दिव्य रसायन प्रदान करती हैं जिससे व्यक्ति बली, निरोग व पूर्ण आयु प्राप्त करता है।
मंत्र-
‘ॐ श्री शशि देव्या मा आगच्छागच्छ स्वाहा।’
मंत्र को सिद्ध करने का विधि विधान
इस मंत्र की सिद्धि के लीए साधक को किसी शिखर पर या पर्वत पर जहा किसीका आनाजाना ना हो उस जगह पर सवा महीने या एक महीने का दृढ संकल्प लेकर साधना का प्रारम्भ करना चाहिए,आप अपनी शक्ति अनुसार मंत्रजाप कर सकते हो पर आपको दिन में तीन प्रहर एक एक माला तो करनी ही पड़ेगी,अप्सरा को प्रसन्न करने के लिए आपको सुगन्धित इतर का छिडकाव करना चाहिए और अप्सरा को सुगन्धित फुल भी अर्पित करना चाहिए, सवा महीने के अन्दर अप्सरा प्रसन्न होकर साधक के सामने प्रगट हो जाएगी और इच्छित वरदान देगी,
इस तरह साधक शशि अप्सरा की साधना करके उसकी सिद्धि हासिल कर सकता हे.
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