कुशल-क्षेम के लिये आज में साधक मित्रो के लिए कुछ टोटके और मंत्र लेकर आया हु जिसका प्रयोग साधक कर सकता हे,
अपनी इच्छा के मुताबिक, आप निम्नलिखित मंत्र का प्रयोग कर सकते हैं:
मंत्र
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महाकलिकायै क्लीं ह्रीं ऐं॥
आप इस मंत्र का अभ्यास करने के लिए निम्न चरणों का पालन कर सकते हैं:
पहले तो ध्यान करें और अपने मन को शांत करें।
ध्यान लगाने के बाद, मंत्र को मनस्ताप के साथ उच्चारित करें। आप इस मंत्र को जपते समय रोजाना कुछ मिनटों के लिए उच्चारित कर सकते हैं।
मंत्र के उच्चारण के दौरान, ध्यान रखें कि आप कुशलता और क्षेम के लिए इस मंत्र का प्रयोग कर रहे हैं।
अपने जीवन में खुशहाली और सुख-शांति के लिए सक्रिय और सकारात्मक कार्यों को करने का प्रयास करें।
यदि संभव हो, तो इस मंत्र का विशेष ध्यान और जप नवरात्रि, माता काली जयंती, या शुक्ल पक्ष की अमावस्या जैसे महत्वपूर्ण पर्वों पर करें।
इस मंत्र का प्रयोग करते समय, निश्चित रूप से अपने उद्देश्य के साथ समर्थन के लिए करें और विश्वास रखें। यह मंत्र केवल एक उपाय है और संगठनशील और प्रकृतिसंगत कार्यों के साथ सहायता कर सकता है, लेकिन इसके बावजूद, मनोकामनाएं आपके पूरे इच्छानुसार पूर्ण नहीं हो सकती हैं।
मंत्र
भुवन चारिदस भरा उछाहू। जनक सुता रघुबीर विवाहू ॥
कुशल-क्षेम के लिये साधक को ऊपर दिए गई चौपाई का पाठ करना चाहिए,एकांत कमरे में बैठकर ५ अगरबत्ती जलाकर साधक को रुद्राक्ष की माला से उपर्युक्त चौपाई का पाठ करना चाहिए,
साधक इस चौपाई का पाठ कुशल-क्षेम के लिये कर सकता हे,इस चौपाई का पाठ करके साधक अपनी मनोकामना पूर्ण कर सकता हे और घर में सुख शांति और समृद्धि के लिए भी इस चौपाई का पाठ कर सकते हो,इस चौपाई बहुत ही शक्तिशाली हे और कम समय में इसका असर दिखाती हे.
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