भैरवजी के कई सारे रूप हे इनमे से एक खतरनाक रूप की बात करे तो वो हे क्रोध भैरव,क्रोध भैरव मंत्र साधना करना कोई बच्चो का खेल नहीं हे जो साधक परिपूर्ण हे जिसके पास कोई सिद्धि हे वही साधक ही क्रोध भैरव की साधना कर सकता हे,ज्यादातर अघोरी लोग और तांत्रिक लोग ही क्रोध भैरव मंत्र साधना करते हे,
इस मंत्र की सिद्धि से आप हर तांत्रिक क्रिया कर सकते हो हर षट कर्म आसानी से कर सकते हो हर तंत्र की काट आसानी से कर सकते हो, मारण क्रिया में भी इस मंत्र का प्रयोग किया जाता हे,
तो चलिए विस्तार से जानते हे क्रोध भैरव मंत्र साधना कैसे की जाती हे और उसका विधि विधान क्या हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे.
मंत्र
भानू सूर्य हूँ हूँ नमः
जन्म दादिनि पूर्वा अस्ती नमः
काल क्रोधितम् भैरव नमः
यशस्वनी नमः जन्म निधार नमः
इति सिद्धम्
बज क्रोधं भैरव नमः
क्रान्तिभुषणम् बजक्रोधितम् भैरव नमः गिर एक
त्रिलोक मणी यशुन्धरा धारणीकिकम् देवधिपति
बज पतितम् अंग अष्ट देवी देव, धारणीयम नमः
वज पाणिनी, पृथ्वी संसारम् संहारम्
काल भैरव बज क्रोधितम् नमः
सत्यपातक आभुषणम् नमः
सत्य प्रकासितम् आत्मा प्रशादितम नमः
जय बज काल, क्रोधितम, भैरव नमः।
इति सिद्धम्!!
मंत्र को सिद्ध करने का विधि विधान
ये साधना २१ दिन की हे साधना मंगलवार से प्रारम्भ होगी,साधना स्मशान में होगी और गुरु की देखरेख में होगी,जिसके पास गुरु नहीं हे वो अपने कुलदेवता की आगया लेकर साधना प्रारम्भ कर सकते हे पर ध्यान ये रहे की साधना में कोई गलती नहीं होनी चाहिए,स्वच्छ और स्नानादिक होकर साधना का प्रारम्भ करे,उत्तर दिशा की तरफ मुख रहेगा,एक दारू की बोतल और बकरे की कलेजी ले जानी हे,वस्त्र काले रहेंगे और काली हकिक की माला से उपर्युक्त क्रोध भैरव मंत्र साधना करनी हे कम से कम एक माला करे और माला पूर्ण करके भैरवजी को नैवेध अर्पित करे फिर पीछे देखे बिना घर आ जाये,ये विधि लगातार २१ दिन तक करनी हे,
भैरव बाबा आपको दर्शन दे तब आपको उसको वचन में बाँध लेना हे और उसको नैवेध अर्पित करके घर आ जाना हे,भैरव बाबा की सिद्धि से आप दुनिया के हर कार्य चुटकी में कर सकते हो और हर तंत्र की काट कर सकते हो,
क्रोध भैरव मन्त्र
क्रोध भैरव जुं जुं जागरणु
क्रोध भैरवायः सैहस्त्र भुजाएं आरिक्षिणियमः
विस्तारम् मणी अंक अष्ठ अंकतिकम्
ब्रह्मा विष्णु महेश्वरम् एकम दिशम वाहनम्
परिफुल्लितम् जगतः क्रौध भैरवाय नमनः
मंत्र को सिद्ध करने का विधि विधान
इस मंत्र को भी आप ऊपर दी गयी शाबरी विधि से सिद्ध कर सकते हो मन में दृढ संकल्प लेकर साधना का प्रारम्भ करे,गुरु की देखरेख में या किसी अघोरी की देखरेख में साधना करे मंत्र सिद्धि अवश्य मिलेगी,
इस तरह आप क्रोध भैरव मंत्र साधना करके क्रोध भैरव को सिद्ध कर सकते हो और हर षट कर्म कर सकते हो.
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