गायत्री साधना प्राचीन काल से होती आ रही हे हमारे रुषी मुनि साधू संत भी गायत्री साधना करके अपनी मनोकामना पूर्ण करते थे,मानव के सभी पाप का नाश करने वाली शक्ति हे और गायत्री माता को वेद माता माना गया हे,गायत्री मंत्र साधना हरकोई कर सकता हे स्त्री हो या पुरुष दोनों गायत्री मंत्र साधना करके अपनी मनोकामना पूर्ण कर सकता हे,
यहाँ जो मंत्र लेकर आया हु इस मंत्र की सिद्धि भी होती हे और साथ साथ आप गायत्री यन्त्र को भी इस मंत्र के जरिये सिद्ध कर सकते हो,माता गायत्री का यन्त्र धारण करने से आपके बिगड़े सभी कार्य बन जाते हे,
तो चलिए विस्तार से जानते हे गायत्री साधना मंत्र को कैसे सिद्ध करते हे और इस मंत्र के जरिये गायत्री यन्त्र को कैसे सिद्ध करते हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
मंत्र
ॐ जग जोत है पूर्ण गायत्री की माया
सतयुग से बहती आई कलयुग तक धारा
गायत्री वेदों की माता सर्व सतकारा
बुद्धि दे माता, नर नारी करे पुकारा
देव माता शान्ति दो करो मेरी रखवारा
दुखी न रहूं जग में गायत्री माता दे वरदान
सुख शान्ति दे पुकारूं मैं दिन रैन
गायत्री यन्त्र दे माता जिसके सहारो मैं करूं गुजारा
मेरे बन जाय बिगड़े काम गायत्री यन्त्र तारा
जय गायत्री माता!!
गायत्री यन्त्र
मंत्र को सिद्ध करने का विधि विधान
इस मंत्र की सिद्धि के लिए आपको ४१ दिन तक साधना करनी पड़ेगी,पीले रंग के वस्त्र धारण करके ब्रह्म्मुर्हुत में कुश के आसन पे बैठ जाये आपको पद्मासन या सिद्धासन मुद्रा में बैठना हे,साधक का मुह उत्तर दिशा की तरफ रहेगा,४१ दिन तक आपको एक ही समय में जाप करना हे और आप उपर्युक्त गायत्री मंत्र साधना अपनी शक्ति अनुसार जाप कर सकते हे पर ध्यान ये रखे की हररोज जाप की संख्या एक ही होनि चाहिए,४१ दिन तक साधक का भोजन सात्विक रहेगा और ब्रह्मचर्य का पालन करना पड़ेगा,
इस मंत्र से आप गायत्री यन्त्र भी सिद्ध कर सकते हो भोजपत्र पे केसर की शाही से उपर्युक्त यन्त्र बनाकर आप इस मंत्र से यन्त्र को भी सिद्ध कर सकते हे,
गायत्री का यन्त्र सिद्ध करने से सम्पूर्ण सांसारिक कार्य बन जाते हैं और शान्ति स्थापित हो जाती है। मनुष्य का आरोग्य भी ठीक हो जाता है। इस मन्त्र से यन्त्र को सिद्ध किया जाता है और जो भी इस यन्त्र को धारण करेगा वह मनन भी करें सम्पूर्ण वैभव को प्राप्त होगा।
इस तरह साधक गायत्री मंत्र साधना करके अपनी मनोकामना पूर्ण कर सकता हे और दुसरे की भी सेवा कर सकता हे इस मंत्र में इतनी शक्ति हे की आप कुछ भी कार्य कर सकते हो पर ध्यान ये रहे की आपका इरादा नेक होना चाहिए.
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