माता छिन्नमस्ता दस महाविधा में तीसरे स्थान पर परिगणित हे, छिन्नमस्ता प्रचंड चंडिका हे और तंत्र की देवी भी हे,एक हाथ में खड्ग हे और दुसरे हाथ में मस्तक हे उसके मस्तक से जो रक्त की धाराये निकलती हे उनमे से एक धारा स्वयं पीती हे और अन्य दो धाराये अपनी सहेली को पिलाती हे,छिन्नमस्ता साधना कई अलग अलग तांत्रिक क्रिया से होती हे,सात्विक और तामसिक रूप से माता की साधना होती हे,

छिन्नमस्ता  साधना सात्विक रूप से ही करनी चाहिए अगर साधक के पास पहले से ही कोई तांत्रिक सिद्धि हे तो वो साधक छिन्नमस्ता माता की तामसिक साधना कर सकता हे,

मेने जो इस पोस्ट में विधि बताई हे वो एक दिन की साधना हे और छिन्नमस्ता माता का शाबर मंत्र दिया हे इस शाबर मंत्र को मेरे बताई गई विधि विधान के साथ करोगे तो साधक को एक दिन में ही सफलता मिलेगी,

छिन्नमस्ता साधना

मंत्र

आगारी जो गुरु यागे जोगी,

गुरु दंड बतिया करिया बलई योरी,

जोगन मुख अनरीता गाती रही रतिया,

जो जोगाण चल इन एक लिया गो मारो हे तालिया,

गो जोगाण बांधू नजरिया गो जोगणया पहिया,

ना आये तो दुहाय मैया वनिता की,

दुहाई सलीमा पैगम्बर की,

दुहाई चलाई छू!!

विधि

इस साधना को साधक शुक्रवार से कर सकता हे ये साधना सिर्फ एक दिन की साधना हे,एक बाजोठ लेकर उस पर लाल कपडा बिछा दे,और उसके ऊपर माता छिन्नमस्ता की प्रतिमा को स्थापित करे,माता को सुगन्धित इत्र चढ़ाये और चमेली के फुल का फुलहार चढ़ाये,ये सब विधि शुक्रवार के दिन सुबह ही सम्पूर्ण कर ले और ये सब क्रिया किसी तांत्रिक के पास या जिसके पास माता छिन्नमस्ता की साधना हे उसको बुलाकर उसके मार्गदर्शन में करे,

पुरे दिन माता छिन्नमस्ता का ध्यान करे और पूजापाठ करे फिर रात ९ बजे से रुद्राक्ष की माला से उपर्युक्त मंत्र का जाप करे,ये मंत्रजाप पूरी रात करना हे बिच में साधना छोडनी नहीं हे इस तरह साधना करने से माता छिन्नमस्ता सिद्ध हो जाएगी.

साधना के दरमियाँन इस नियमो का पालन करे

  • छिन्नमस्ता माता की प्रतिमा खुद स्थापित ना करे किसी तांत्रिक या जानकार को बुलाकर ये विधि कराये,
  • ये साधना गुरु के मार्गदर्शन में या किसी तांत्रिक के मार्गदर्शन में ही करे,
  • पुरे दिन माता छिन्नमस्ता का पूजापाठ करे और देशी घी का अखंड दीपक जलाये,
  • ब्रह्मचर्य का पालन करे,
  • साधना के दरमियान साधक को कई अनुभव होंगे पर साधना को खंडित ना करे,

इस तरह साधक छिन्नमस्ता साधना करके सिद्धि हासिल कर सकता हे,माता छिन्नमस्ता तंत्र क्रिया की देवी हे और हर कार्य को वो आसानी से कर देती हे उसके लिए कोई भी कार्य कठिन नहीं हे इसलिए माता छिन्नमस्ता का उपयोग जनहित के लिए करना चाहिए अगर इसका बुरा उपयोग करोगे तो खुद साधक का ही बुरा होगा.

भैरव की अघोर शक्ति से और सिद्ध मंत्र से किया गया अभिमंत्रित कड़ा यानि कि भैरव कड़ा जो हर तरह की बीमारियों के सामने रक्षण देता हे मसान की खतरनाक शक्तियों के सामने और बुरी आत्मा के सामने रक्षण करता हे जिसको चाहिए वो हमारा कॉन्टैक्ट करके मंगवा सकता हे

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कोई भी साधक अगर सिद्धि प्रदान करना चाहता हे तो उसको सिद्ध माला की आवश्यकता रहती हे बिना सिद्ध की हुई माला से जितना भी मंत्र जाप कर लो सिद्धि प्राप्त नहीं होती हमारे पास सभी प्रकार की सिद्ध की हुई माला उपलब्ध हे जिसको चाहिए वो हमारा कॉन्टैक्ट कर सकता हे

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गुरुमुखी मंत्र और खतरनाक शक्तियों के मंत्र से और उसकी शक्ति से हम श्मशान की राख को अभिमंत्रित करते हे और उसको खास प्रकार की वशीकरण राख बनाते हे उस राख को इच्छित व्यक्ति पर फेकने से या किसी भी बहाने उसको खिला देने से वो आपके प्यार में गिरफ्तार हो जाएगी

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कोई साधक अगर किसी भी शक्ति की साधना करना चाहता हे या वशीकरण साधना या मोहिनी साधना करना चाहता है तो हम साधक को गुरुमुखी साधना देंगे और जब तक सिद्धि न मिले तब तक हम उसको मार्गदर्शन करेंगे सिद्धि प्रदान कराएंगे (महाकाली साधना नरसिंह साधना भैरव साधना कोई भी दस महाविधा की साधना यक्षणी साधना जिन्न साधना भूतनी साधना डाकिनी शाकीनी साधना वशीकरण साधना मोहिनी साधना और हमारे पास कई सारी गुप्त साधना हे जिसका जिक्र यहां नहीं कर सकते

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