आजे में इस पोस्ट में जादू करके पनिहारी का घड़ा तोड़ने का प्राचीन मंत्र लेकर आया हु इस मंत्र को इंद्रजाल का मंत्र बोलते हे इसलिए साधक को मंत्र को सिद्ध करने की आवश्यकता नहीं रहेती सिर्फ साधक को चौपाई यानि मंत्र पढ़कर इसमें जो तंत्र विधा का निर्देश किया गया हे और जो विधि दी गई हे उसका अनुसरण करना हे, ये चौपाई इतनी शक्तिशाली हे की आप जादू करके पनिहारी का घड़ा तोड़ सकते हो,
जो लोग जादू का खेल करते हे कीमिया दिखाते हे उसके पास इंद्रजाल की विधा होती हे और उसकी सिद्धि भी होती हे, पूरी इंद्रजाल की विधा सिखने के लिए साधक को ६ महीने की जरुरत रहेती हे जो लोग जादू सीखना चाहते हे वो कीसी योग्य गुरु की देखरेख में रहेकर इंद्रजाल की विधा सिख सकता हे,
तो चलिए विस्तार से जानते हे जादू करके पनिहारी का घड़ा तोड़ने का प्राचीन मंत्र
कैसे काम करता हे और उसका विधि विधान क्या हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
मंत्र
दीत वार उत्तम दिवस यह जतन उपावे।
वागर लिपटी रुख जिंहिं तिहिं शाखा लावे ॥
प्रथम शनिचर जाय के तिहि तिन्योता करिये।
तहां सवेरे जायके शाखा लेटरिये ॥
घर आ गूगर खेइके तिहिं सिद्धि जो कीजै।
घाट वाट पनिहारी के लागाढ़ि जो दीजै ॥
लाघि चले पनिहारी गिरे घट सिर का फूटे।
देख लोग सब हसें लाज की डोरी टूटे ॥
प्रयोग
इस चौपाई का प्रयोग करके आप पनिहारी का घड़ा तोड़ सकते हो इस चौपाई के अन्दर ही विधि का समावेश किया गया हे आपको बस उस विधि का उपयोग करके प्रयोग करना हे,
इस तरह आप जादू करके पनिहारी का घड़ा तोड़ सकते हो और ध्यान ये रखे की ये प्रयोग आपको किसी अनजान स्त्री के साथ नहीं करना हे अगर प्रयोग करे तो आप पहले उसको बता दे फिर जाकर प्रयोग कर सकते हो.
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