ग्रह पीड़ा से आपका कार्य नहीं बनता,शारीरिक बीमारी रहती हे,मन हमेश बेचेंन रहता हे जितना अच्छा करना चाहते हे उतना बुरा होता हे घर में कलेश रहता हे,पति पत्नी के बिच अनबन रहते हे तब ऐसी स्थिति में नवग्रह शान्ति के लिएमें आपके लिए सिद्ध मंत्र लेकर आया हु जिसका प्रयोग करके आप ग्रह पीड़ा दूर कर सकते हो,
नवग्रह शान्ति के लिए इस मंत्र को सिद्ध कैसे करे और उसका प्रयोग कैसे करे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
मंत्र
मोहि अनुचर कर केतिक बाता।
तेहि महँ कसुमउ बाम बिधाता ॥
विधि
राम नवमी वाले दिन रुद्राक्ष की माला पर ११०० जप नित्य करते हुए ४० दिन पूर्ण करें। ४१वें दिन अखण्ड रामायण का पाठ करवायें और गरीबों को भोजन करवाकर वस्त्र दान करें।
इस मन्त्र के प्रयोग से दुर्भाग्य सौभाग्य में बदल जाता है। नवग्रह क्षति नहीं पहुँचाते और प्रभु कृपा की प्राप्ति हो जाती है।
नवग्रह दोष निवारण सिद्ध मन्त्र
मंत्र
ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरान्तकारी भानु ।
शशि भूमि-सुतो बुधश्च-गुरुश्च ॥
शुक्र शनि राहु केतवः ।
सर्वे ग्रहा शान्ति कुरु भवन्तु ॥
विधि
किसी भी रविवार को पूर्व दिशा की ओर मुँह करके यह प्रयोग शुरू करना चाहिए। अपने सामने सफेद सूती आसन लगाकर उस पर नवग्रह यन्त्र स्थापित कर दें और यन्त्र को असली केशर का तिलक करके घी का दीपक जलाकर स्फटिक की माला से इस मन्त्र का ५१ हजार जप करें। फिर यन्त्र को अपने घर के पूजा वाले स्थान में स्थापित करें। यह यन्त्र आपके हर प्रकार के ग्रह दोषों को समाप्त करके जिन्दगी को सुखमई बना देता हे
ये दोनों मंत्र से आप नवग्रह का दोष दूर कर सकते हो दोनों मंत्र बहुत ही शक्तिशाली हे,नवग्रह शान्ति के लिए आप इनमेसे कोई एक मंत्र का प्रयोग कर सकते हो,इस मंत्र का प्रयोग करके आप खुद इसका असर देख सकते हो.
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