नवरात्री काल में यानि की नवरात्री में साधक को नव दुर्गा साधना करनी चाहिए,नवरात्री में साधना करने से साधक को सिद्धि तुरंत मिलती हे,साधक मनोकामना पूर्ति के लिए या माता दुर्गा की सिद्धि के लिए ये साधना कर सकता हे,
तो चलिए विस्तार से जानते हे नव दुर्गा साधना कैसे की जाती हे उसका विधि विधान क्या हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
नवदुर्गा के रूप
शैलपुत्री
ब्रह्मचारिणी
चंद्रघंटा
कुष्मांडा
स्कंदमाता
कात्यायनी
कालरात्री
महागौरी
मंत्र
नौ दुर्गा विष्णु माता शिव पार्वती विधाता
नौ माता सती देवी का रूप बनाता
जग जिता जग बिता सत्य की रीत बनाता
धर्म की शक्ति जीत बनाता अधर्म को श्राप बताता
नौ दुर्गा परम शक्ति धर्म का द्वीप जलाती
संसारी नर नारी का धुन्धला रूप दिखाती
जो भगति करता माता रूप दिखाती
भगति में शक्ति होकर सत्य मार्ग दिखाती
भगति का द्वीप बना नव दुर्गा यन्त्र बनाती
जो नर नारी भगति करे माता की उसके घर
सत्य की ज्योत जलाती
सत्य की भाति भाँति नवीन ज्योति जगाती
जय जय हो माता माती
इति सिद्धम!!
मंत्र को सिद्ध करने का विधि विधान
नव दुर्गा साधना नवरात्री में होगी और साधक को ९ दिन तक उपवास यानि की व्रत रखना जरुरी हे, ब्रह्मचर्य पालन करके साधना की जाती हे,एकांत कमरे में नवदुर्गा की प्रतिमा स्थापित करे और नवरात्री के पहले दिन माँ शैलपुत्री की पूजा करे,शैल पुत्री नवदुर्गा में पहली दुर्गा हे,नवरात्री के दुसरे दिन ब्रह्मचारिणी की पूजा करे,आप नैवेध में सात्विक भोग लगा सकते हो और ॐ एं ह्रीं क्लिं ब्रह्म्चारिन्ये नमः इस मंत्र की एक माला करे,नवरात्री के तीसरे दिन माता चंद्रघंटा की पूजा करे और उसको सात्विक भोग लगाकर ॐ एं ह्रीं क्लिं चंद्रघंटाये नमः इस मंत्र की एक माला करे,
नवरात्री के चौथे दिन माता कुष्मांडा की पूजा करे ॐ एं ह्रीं क्लिं कुश्माँडाये नमः इस मंत्र की एक माला करे,नवरात्री के पाचवे दिन माता स्कंदमाता की पूजा करे उसको सात्विक भोग लगाये और ॐ एं ह्रीं क्लिं स्कंद्माताये नमः इस मंत्र की एक माला करे,नवरात्री के चट्ठे दिन माता कात्यायनी की पूजा करे और फिर ॐ एं ह्रीं क्लिं कात्यय्नाये नमः इस मंत्र की एक माला करे,नवरात्रि के सातवे दीन माता कालरात्रि की पूजा करे उसको अपनी शक्ति अनुसार भोग लगाकर फिर ॐ एं ह्रीं क्लिं कालरात्रे नमः इस मंत्र की एक माला करे,नवरात्री के आठवे दिन माता महागौरी की पूजा करे फिर ॐ एं ह्रीं क्लिं महागौर्ये नमः इस मंत्र की एक माला करे,
नवरात्री के आखरी दिन माता सिद्धिदात्री की पूजा करे और ॐ एं ह्रीं क्लिं सिद्धिदात्ये नमः इस मंत्र की एक माला करे,९ दिन तक आपको अलग अलग शक्ति की पूजापाठ और जाप करना हे और साथ साथ जो नवदुर्गा का शाबर मंत्र हे उसका भी जाप कर सकते हो उस शाबर मंत्र को कम से कम एक माला करे, इस तरह ९ दिन तक साधना करने से आप पर माँ नवदुर्गा के सदा आशीर्वाद बने रहेंगे,घर में शांति का स्थापन होगा और नव दुर्गा साधना फलीभूत करके आप जनहित के कार्य भी कर सकते हो.
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