परी एक ऐसी शक्ति हे जो जल्दी पकड़ में नहीं आती अगर कोई इन्सान उसकी चुंगल में फंस जाता हे तो उसका जीना हराम कर देती हे,उसकी चुंगल में जो कोई फंस गया हे वो लोग बहुत हेरान हो जाते हे,जिसको रात्री के दरमियान डरावने सपने आते हे और जिसका सर भारी भारी लगता हे उसको समज लेना चाहिए की वो इन्सान परी की चुंगल में फंस गया हे,आज में आपके लिए परियों का खलल दूर करने का मंत्र लेकर आया हु.
तो चलिए विस्तार से जानते हे परियों का खलल कैसे दूर करते हे और उसकी क्या विधि हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे.
मंत्र
ॐ मह कूब कुवमह विमलमह बड़ी नदी में चार देव कौण कौण अहंकार महंकार मुहम्मदा वीर ताइया सिलार बजाऊं खाजे मुअय्युद्दीन तुम्हारी खुशवोह में चढ़ी कमाण सुलैमान परी लंक परी को हुक्म कीजे कौन कौन परी स्यह परी सबज परी हूर परी अर्श कुर्स की लाउली बीबी फातमा कीली झीली आयना पाना फल आय लेना सवा सेर शर्बत का प्याला आय ले आय हाजिर होना मीर मुहीयुद्दीन मखदूम जहानी या शेख सरफ अहिया पठाण आय हाजिर न हो तो रोज कयामत के दामन गीर हूगां।
जो व्यक्ति परियों के फेर में पड़ गया हो, उसे परियों के चंगुल से छुटकारा दिलाने के लिए आटे का एक चौमुखा दीपक बनाएं, आठ पान के बीड़े और मिट्टी के एक कच्चे प्याले में चीनी का शर्बत लेकर रोगी सहित किसी चौराहे पर जाएं। संध्या ढले का समय इसके लिए उपयुक्त रहता है। रोगी को चौराहे के बीच बैठाएं। चौमुखा तेल का दीपक जलाएं। फिर पान के बीड़े और शर्बत का प्याला हाथ में लेकर उपर्युक्त मंत्र को पढ़ते हुए सब रोगी के ऊपर से तीन बार उसारकर, जलते हुए दीपक के समीप रखें और रोगी के साथ लौट आएं। चाहे जैसी परिचित आवाजें आएं, लेकिन एक बार भी पलट कर न देखें। घर लौटकर मुंह-हाथ धो लें। एक बार की इस क्रिया से ही रोगी परियों के चंगुल से छूट जाएगा।
इस तरह आप परियों का खलल दूर करने के लिए हमारे दिए गई मंत्र का प्रयोग करके उससे छुटकारा पा सकते हो.
यह भी पढ़े