आज में साधक मित्रो के लिए अघोर वशीकरण लेकर आया हु जिसका तोड़ करना बहुत मुश्किल माना जाता हे यानि की इसका तोड़ हो नहीं सकता, आज में आपको बजरंग बाण से अघोर वशीकरण कैसे होता हे उसके बारे में विस्तार से बताने वाला हु और उसकी सम्पूर्ण विधि आपको देने वाला हु,
तो चलिए विस्तार से जानते हे बजरंग बाण से अघोर वशीकरण कैसे किया जाता हे और उसका विधि विधान क्या हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
दोहा:-
निश्रय प्रेम प्रतीति ते, विनय करैं सनमान।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥
चौपाई:-
जय हनुमंत संत हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥
जन के काज विलंब न कीजै। आतुर दौरी महा सुख दीजै॥
जैसे कूदी सिंधु महिपारा। सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥
आगे जायलंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुरलोका॥
जाय बिभीषन को सुख दीन्हा। सीता निरखी परमपद लीन्हा॥
बाग उजारी सिंधु महँ बोरा। अति आतुर जमकातर तोरा॥
अक्षय कुमार मारी संहारा। लूम लपेटी लंक को जारा॥
लाह समान लंक जरी गई। जय जय धुनि सुरपुर नभ भई॥
अबविलंब केहि कारन स्वामी। कृपा करहु उर अंतरयामी॥
जय जय लखन प्रान के दाता। आतुर ह्वै दुख करहु निपाता॥
जैहनुमान जयति बल-सागर। सुर-समूह-समरथ भट-नागर॥
ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले। बैरिहि मारु बज्र की कीले॥
ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा। ॐ हुं हुं हुं हनु अरी उर सीसा॥
जय अंजनी कुमार बलवंता। शंकरसुवन विर हनुमंता॥
बदनकरालकाल- कुल- घालक। रामसहाय सदा प्रतिपालक॥
भूत, प्रेत, पिसाच निसाचर। अग्नि बेताल काल मारी मर॥
इन्हें मारु, तोहि शपथ राम की। राखु नाथ मरजाद नाम की॥
सत्य होहु हरि शपथ पाइ कै। राम दूत धरु मारु धाइ कै॥
जय जय जय हनुमंत अगाधा। दुख पावत जन केही अपराधा॥
पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत कछु दास तुम्हारा॥
वन उपबन मग गिरि गृह माहीं। तुम्हरे बल हौं डरपत नाहीं॥
जनकसुता हरी दास कहावौ। ताकी शपथ विलंब न लावौ॥
जै जै जै धुनी होत अकासा। सुमिरत होय दुसह दुख नासा॥
चरन पकरी, कर जोरि मनावौं।यहिअवसर अब केहि दौहरावो॥
उठु, उठु, चलु, तोहि राम दुहाई। पायँ परौं, कर जोरी मनाई॥
ॐ चं चं चं चं चपल चलंता। ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता॥
ॐ हं हं हाँक देत कपि चंचल। ॐ सं सं सहमि पराने खल-दल॥
अपने जन को तुरत उबारौ। सुमिरत होय आनंद हमारौ॥
यह बजरंग-बाण जेहि मारै। ताहि कहौ फिर कौन उबारै॥
पाठ करै बजरंग-बाण की। हनुमत रक्षा करै प्रान की॥
यह बजरंग बाण जो जापैं।तासों भूत-प्रेत सब कापैं॥
धूप देय जो जपै हमेशा । ताके तन नहिं रहैकलेसा॥
दोहा:-
उर प्रतीति दृढ़, सरन ह्वै, पाठ करै धरी ध्यान।
बाधा सब हर, करैं सब काम सफल हनुमान॥
सामग्री:-
एक बाजोठ, सवामीटर लाल कपडा , गूगल का धुप, गुलाब का इत्र , सुगन्धित धूपबत्ती , लाल चन्दन की माला , एक नारियेल , माटी का दीपक , हनुमान जी की प्रतिमा और चमेली का तेल।
विधी:-
मंगलवार से साधना प्रारम्भ होगी , साधना के अगले दिन यानी की सोमवार के दिन हनुमानजी के मंदिर पे जाये और वहा हनुमानजी को लाल लंगोट अर्पित करे फिर तेल सिंदूर चढ़ाये और हनुमानजी के पास दृढ संकल्प ले की ये बजरंगबाण किसी अनैतिक काम के लिए कदापि इस्तेमाल नहीं करूँगा और घर पे आ जाये और अपने काम मे सफलता मीले एसी प्रार्थना करे, फिर मंगलवार के दिन स्वच्छ , स्नानादिक होके रात 10 बजे एकांत कमरे में बैठ जाये कमरे को पेहले गंगाजल या इत्र से पवित्र कर ले फिर उत्तर दिशा की तरफ मुख करके बैठ जाये , अपने सामने एक बाजोठ रख दे उस बाजोठ के ऊपर लाल वस्त्र बिछा दे फिर उस वस्त्र के ऊपर हनुमानजी की प्रतिमा रख दे प्रतिमा के दायी और एक नारियेल और कलश जल का भर के रख दे ,
गुलाब का इत्र छिड़के फिर सुगन्धित धूपबत्ती करे , गूगल का धुप और चमेली के तेल का दीपक प्रज्वलित करे,
गणेशजी का विधिवत पूजन करे और अपने कुलदेवता की एक माला करे अगर आपका कोई गुरु हे तो अपने गुरु की एक माला करे , फिर उपर्युक्त बजरंगबाण की 5 माला करे एक ही बैठक में , साधना के दरमियान विचित्र आवाज़े सुनाई देंगी सुन्दर स्त्री के चेहरे भी दिखाई देंगे पर ध्यान को विचलित किये बिना और साधना को बिच में छोड़े बिना साधना शुरू ही रखे, 5 माला पूरी करके हनुमानजी को नैवेध में बूंदी के लड्डू और एक आक के फूल की माला दे फिर साधना स्थल पे ही सो जाये साधना के दरमियान जमीन पे ही सो जाये , ये साधना 41 दिन की हे लगातार 41 दिन तक ये साधना चलेगी और विधी एक ही रहेगी साधना के आखरी दिन आप जिसे वशमे करना चाहते हो चाहे वो लड़का हो या लड़की उसकी फोटो बाजोठ पर रख दे और 5 माला करे 11 दिन के अंदर वो लड़का या लड़की आपके प्यार में वशीभूत हो जायेगा आपके कदमो में हाजिर हो जायेगा, ये बजरंगबाण इतना तीव्र हे की सामने वाला व्यक्ति आपने जिसके लिए ये प्रयोग किया हे वोपागल भी हो सकता हे और ये बजरंगबाण की काट भी नहीं हे , आपका काम हो जाये तब आप गरीब बच्चो को कुछ खाना खिला दे और हनुमानजी के मंदिर पर हर मंगलवार तेल सिन्दूर चढ़ाये (ये बजरंगबाण इतना तीव्र और शक्तिशाली हे की इसकी साधना में कोई भूल हो गयी तो खुद साधक पागल हो सकता हे और साधना काल में ब्रह्मचर्य का पालन करे , दारू और मांस से दूर रहे और इस बजरंगबाण का उपयोग अनैतिक काम और ख़राब के लिए कदापि इस्तेमाल ना करे)
इस तरह साधक बजरंग बाण से अघोर वशीकरण करके किसी को भी वशीभूत कर सकता हे और अपने प्यार में गिरफ्तार कर सकता हे.
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