भगवान का स्मरण

जो लोग भगवान् की भक्ति करता हे और भगवान का स्मरण करता हे और वो बिना कष्ट भुगते और बिना दुःख दर्द सहन करे बिना मरना चाहता हे तो उसके लिए में एक रामबाण इलाज लेकर यानि की शक्तिशाली मंत्र लेकर आया हु जिसका जाप करते करते आपके प्राण आपका आत्मा निकल जायेगा और शरीर को कष्ट भी नहीं पहुचेगा,

भगवान की आराधना और स्मरण एक शांति और आत्मा को प्राप्त करने के उपाय हो सकते हैं, लेकिन मृत्यु के लिए कोई ऐसा विशेष मंत्र नहीं होता है जिससे किसी की मृत्यु हो सके। मृत्यु एक प्राकृतिक प्रक्रिया है और हम सभी को एक दिन मरना है।

   भगवान की पूजा और ध्यान करने से हम आत्मा को शांति, आनंद और स्थिति की प्राप्ति कर सकते हैं, जिससे मरने का भय कम होता है। ध्यान और आध्यात्मिक अभ्यास करने से हम अपनी आत्मा को बेहतर समझ सकते हैं और मृत्यु के साथ भी सुकून और शांति में रह सकते हैं।

भगवान का स्मरण

मंत्र

राम चरन दृढ़ प्रीति कर, बालि कीन्ह तनु त्याग ।

सुमन माल जिमि कंठ ते, गिरत न जानइ नाग ॥

जो लोग भगवान् की सच्चे दिल से सेवा और आराधना करता हे वो लोग तो वेसे ही बिना कष्ट भुगते देह त्याग कर सकता हे,जिसने कभी भूल से कोई गलत कार्य कर दिया हे और पश्यताप कर रहा हे उस व्यक्ति को ऊपर दिए गई चौपाई का पाठ करना चाहिए,अगर कोई व्यक्ति मरण शैया पर लेटा हे और उसके प्राण नहीं निकल रहा हे तो उस व्यक्ति को ये चौपाई का पाठ अवश्य करना चाहिए ताकि वो आराम से अपना देह त्याग कर सके,

भगवान का स्मरण करते हुई और इस चौपाई का पाठ करते हुई व्यक्ति देह त्याग कर सकता हे ये चौपाई उन व्यक्ति के लिए हे जिसने कभी जिंदगी में बुरा किया हो और वो उस पाप का बदला दे रहा हो उसका प्राण ना निकलता हो वो भुगत रहा हो तो उसको अवश्य इस चौपाई का पाठ करना चाहिए.

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