भुवनेश्वरी ध्यान करके आप माता रानी के आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हो,साधना करने से पूर्व आप भुवनेश्वरी ध्यान भी कर सकते हो,जब आप भुवनेश्वरी की साधना करते हो तब आपको ध्यान करना जरुरी होता हे ध्यान के साथ साथ आप भुवनेश्वरी की आरती और स्तुति करके भी माता रानी को प्रसन्न कर सकते हो,
तो चलिए विस्तार से जानते हे ध्यान कैसे किया जाता हे और उसका विधि विधान क्या हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
स्थिर और शांति से बैठें:
सबसे पहले, आपको एक शांत और स्थिर स्थान पर बैठना है, जो आपके ध्यान के लिए उपयुक्त हो।
माला का उपयोग:
माता भुवनेश्वरी का जाप करने के लिए माला का उपयोग करें। आप १०८ माला का जाप कर सकते हैं, या जितने आपको सांग्य का लगे।
नाम का जाप:
माता भुवनेश्वरी के नाम का मंत्र “ॐ भुवनेश्वर्यै नमः” है। इस मंत्र का जाप करते समय, माता की अनुराग भावना रखें।
ध्यान की तकनीक:
अपने मन को माता भुवनेश्वरी की छवि पर ध्यान केंद्रित करें। उनकी प्रतिमा, चित्र, या आकृति की ध्यान और भक्ति के साथ देखें।
आराधना और प्रार्थना:
माता भुवनेश्वरी के ध्यान के बाद, आप आराधना और प्रार्थना कर सकते हैं। आप उनसे आपकी इच्छाओं, संकटों के समाधान, और आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करें।
समय:
आप दैनिक रूप से माता के ध्यान का समय निश्चित कर सकते हैं, जैसे कि सुबह या शाम।
साधना:
यह ध्यान एक प्राकृतिक प्रक्रिया है और आपको दैनिक नियमितता और श्रद्धा के साथ करना चाहिए।
माता के ध्यान से आप आध्यात्मिक विकास कर सकते हैं और आपके जीवन में शांति और सफलता प्राप्त कर सकते हैं। यह ध्यान आपके मानसिक, शारीरिक, और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को सुधार सकता है।
भुवनेश्वरी ध्यान
उद्यद्दिनद्युतिमिन्दुकिरीटां तुंगकुचां नयनत्रययुक्ताम् ।
स्मेरमुखों वरदांकुशपाशभौतिकरां प्रथये भुवनेश्वरी॥
ऊपर दिए गई ध्यान की साधक एक माला कर सकता हे जब तक आपकी साधना शुरू रहे तब तक आपको इस ध्यान की एक माला करनी आवश्यक हे.
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