भैरवी मंत्र साधना अलग अलग तरीके से की जाती हे यानि की कोई इसकी साधना सात्विक विधि से करता हे तो कोई साधक इसकी साधना तामसिक क्रिया करके करता हे,स्मशान भैरवी की साधना तामसिक क्रिया से की जाती हे उसमे आपको एक स्त्री की आवश्यकता रहेती हे क्योकि स्त्री के योनी के अन्दर लिंग का प्रवेश किया जाता हे और फिर मंत्र जाप करना पड़ता हे,सम्भोग के दौरान मंत्रजाप करना पड़ता हे जब पुरुष का वीर्य निकलता हे तब उसको बिजले के करंट जैसा लगता हे जब ऐसा लगे तब मानना चाहिए की साधना संपन्न हो गयी हे,

भैरवी साधना तंत्र की एक प्रभावी विधि है जो व्यक्ति के जीवन में उन्नति और समृद्धि लाने में मदद करती है। यह साधना अपनी ऊर्जा को बढ़ाने, ज्ञान को बढ़ाने, आत्मविश्वास को बढ़ाने, शांति और त्रुटिहीनता को प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यहाँ मैं आपको भैरवी साधना करने के कुछ आसान चरणों के बारे में बताऊंगा:

उपचार और साधना के लिए एक स्थिर वातावरण का चयन करें। एक सुशोभित और शुद्ध स्थान चुनें जहां आप निःशब्द और निष्क्रिय रह सकते हैं।

अपने मन को शांत करें। ध्यान और अनुभव के माध्यम से अपने मन को शांत करने का प्रयास करें। अपने शरीर को भी रिक्त करने का प्रयास करें।

भैरवी मंत्र का उच्चारण करें। भैरवी मंत्र का उच्चारण करने से पहले इसे जानने की कोशिश करें। मंत्र का उच्चारण अपने मन में समर्थ बनाने के लिए एक अर्थपूर्ण ध्वनि का समावेश करता है। आप भैरवी मंत्रों को गुरुओं से भी सीख सकते हैं।

भैरवी मंत्र साधना

मंत्र

आरक्षीयाणी भस्वमि,

भूतादि भैरवी ब्रह्मा विष्णु रुद्र

कलाक्षी निर्माणी भैरवी जगत उध्धारणम्

कलह कलह वस्तु निर्माणी,

भुतादि भैरवी जगत निर्माणी

कुसुमलता निमर्मता कुलकर्णी

भैरवी याक्ष नमः भैरवी नमः

इति सिद्धम्!!

विधि विधान

भैरवी साधना करना बहुत ही मुश्किल होता हे अगर आप तामसिक क्रिया से भैरवी को सिद्ध करना चाहते हो तो आपको साधना गुरु की देखरेख में करनी होगी,

आज में आपको सात्विक क्रिया से और बिना गुरु के इस साधना को कैसे सिद्ध करते हे उसके बारे में बताने वाला हु,ये साधना ४१ दिन की साधना हे पहले आपको अपने इष्टदेव से अनुमति लेनी हे फिर साधना का प्रारम्भ करना हे,साधना का प्रारम्भ मंगलवार से करे,साधना के लिए एकांत कमरे का चुनाव करे एक बाजोठ लेकर उस पर लाल वस्त्र बिछा दे और उस पर माता भैरवी की प्रतिमा को स्थापित करे,भैरवी माता के सामने संकल्प करे और गणेशजी का पूजन करे फिर अपने इष्टदेव की एक माला करे और साधना में सफलता मिले ऐसी प्रार्थना करे,

उपर्युक्त भैरवी मंत्र साधना की एक माला शाम और एक माला ब्रह्म्मुर्हुत में करे,माता की जितनी हो सके उतनी सेवा करे और अपनी शक्ति अनुसार माता को भोग अर्पित करे,४१ दिन पूर्ण श्रद्धा और विस्वास के साथ माता की साधना करे और पूर्ण रूप से ब्रह्मचर्य का पालन करे,

४१ दिन के अन्दर अन्दर ही आपको कई विचित्र प्रकार के अनुभव होंगे पर साधना को खंडित करे बिना साधना को पूर्ण करे और साधना के आखरी दिन दशांश हवन करे,साधना आपकी सफल हो जाएगी और आप इसी साधना को सिद्ध करके कोई भी षट कर्म आसानी से कर सकते हो और परोपकार के कार्य भी कर सकते हो,काले जादू का काट भी कर सकते हो,

इस तरह साधक भैरवी मंत्र साधना करके भैरवी माता के आशीर्वाद प्राप्त कर सकता हे और उसकी सिद्धि हासिल कर सकता हे.

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