भैरव कार्य सिद्ध मंत्र इतना शक्तिशाली हे की ये सब कार्य चुटकी में कर सकता हे,जो भैरव के साधक हे उसको तो पता ही होगा की भैरव क्या हे आज में सब साधक को भैरव का शाबर मंत्र दे रहा हु उसकी सिद्धि करके साधक अपना हर कार्य कर सकता हे,
इस भैरव कार्य सिद्ध मंत्र की सिद्धि के बाद साधक को ये ध्यान रखना जरुरी हे की इसका गलत उपयोग ना करे किसीकी पीड़ा हो या कोई दुखी हो इसमें ही इसका उपयोग करे ताकि भैरवजी की कृपा द्रष्टि साधक पर बनी रहे,
भैरव कार्य सिद्ध मंत्र
“ॐ गुरु ॐ गुरु ॐ गुरु ॐ कार! ॐ गुरु भु-मसान, ॐ गुरु सत्य गुरू, सत्या नाम काल भैरव कामरु जटा चार पहर खोले चोपटा, बेठे नगर में सुमरो तोय ।
दृष्टि बाँध दे सबकी । मोय हनुमान बसे हथेली । भैरव बसे कपाल । नरसिंह जी की मोहिनी मोहे सकल संसार । भूत मोई, प्रेत मोहूँ, जिन्द मोहूँ, मसान
मोहु, घर का मोहूँ, बाहर का मोहु, बम-रक्कस मोहूँ, कोढा मोह, अघोरी मोह, दूती मोहूँ, दुमनी मोहूँ, नगर मोह, घेरा मोहूँ, जादू- टोना मोहैं, डकणी मोह, संकणी मोहू, रात का बटोही मोहूँ, पनघट की पनिहारी मोहूँ, इन्द्र का इन्द्रासन मोहूँ, गही बेठा राजा मोई, गद्दी बेठा बणिया मोह, आसन बैठा योगी मोहू, और को देखे जले भुने मोय देखके पायन परे। जो कोई काटे मेरा वाचा अंधा कर, लूला कर, सिडी बोरा कर, अग्नि में जलाय दे. घरी को बताय दे, गढ़ी बताय दे, हाथ को बताय दे, गाँव को बताय दे, खोए को मिलाए दे, रुठे को मनाय दे, दुष्ट को सताय दे, मित्रों को बढ़ाए दे । वाचा छोड़ कुवाचा चले, माता क चोखा दूध हराम करे। हनुमान की आण, सीता रामचन्द्र की आण । मेरी भक्ति, गुरु की शक्ति । गुरु के वचन से चले।।
विधि
साधना की शुरुआत मंगलवार से करे रात्री के १२ बजे के बाद काले हकिक की माला से ७ माला करे आसन काला रहेगा वस्त्र भी काले रहेंगे,दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके साधना करे और सुगन्धित धूपबत्ती और गूगल का धुप प्रज्वलित करे ये विधि २१ दिन तक करे।
भैरव कार्य सिद्ध मंत्र सिद्ध हो जाने के बाद जब कोई कार्य करना हो तो उपर्युक्त मंत्र २१ बार बोलके कार्य का आरम्भ करे साधक का कार्य अवश्य पूरा होगा, ऊपर दिए गई मंत्र से साधक जाड़ा भी लगा सकता हे किसी पर भुत प्रेत का छाया हो तो वो भी साधक जाड़ा लगाके रोगी को ठीक कर सकता हे और ये मंत्र मोहिनी बाण में भी चलता हे अगर आपका प्यार सच्चा हे और जायज़ हे तो आप इसका प्रयोग अवश्य कर सकते हे.
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