ये मंत्र शिवजी का अकाल मृत्यु से बचने के लिए इसका अनुष्ठान और प्रयोग किया जाता हे,इस मंत्र की सिद्धि से अकाल मृत्यु का योग ख़त्म हो जायेगा अपने दिमाग से मृत्यु का भय ख़तम हो जायेगा, महामृत्युंजय सिद्ध मंत्र का प्रयोग अघोरी और तांत्रिक लोग करते थे और वो शिवजी से अमरता का वरदान प्राप्त करते थे,आज भी हमारे देश में ऐसे कई अघोरी और साधू हे जिसने इस मंत्र को सिद्ध किया हे पर वो अघोरी कही देखने को नहीं मिलते वो सिर्फ शिवजी की भक्ति में ही लींन रहते हे,
इस मंत्र की सिद्धि करने से आपका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता खुद काल भी काल हो जाता हे क्योकि ये मंत्र महाकाल का हे महामृत्युंजय सिद्ध मंत्र से आप कठिन से कठिन रोग,जादू टोना किया कराया सब पीड़ा को चुटकी में हर सकते हो,ये मंत्र इतना शातिशाली और तीव्र हे की खुद यमराज भी जुक जाता हे वो भी साधक के आगे जुक जाता हे,
तो चलिए विस्तार से जानते हे महामृत्युंजय सिद्ध मंत्र को कैसे सिद्ध करते हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
मंत्र
ॐ ह्रौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः,
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनात् मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्
ॐ स्वः भुवः भूः, ॐ सः जूं हौं ॐ ॥
विधि :
यह सम्पुट युक्त मन्त्र है। इसका अनुष्ठान सवा लाख मन्त्र जप का माना जाता है।सवा लाख जाप कम से कम ३ दिन में सम्पूर्ण करना हे अगर आप सक्षम हे तो ही इस मंत्र को सिद्ध करे वरना इस मंत्र का जाप न करे अगर बिच में साधना छोड़ दो गे तो साधना खंडित हो जाएगी, जप का दशांश हवन, हवन का दशांश तर्पण, रुद्राक्ष की माला से जप करना चाहिए। जप समाप्ति पर शिवजी की स्तुति शिव सहस्रनाम से भी करनी चाहिए तो अकाल मृत्यु का भय जाता रहेगा। यह मन्त्र मृत्युतुल्य कठिन रोगों में तथा आयु वृद्धिकारक अचूक मन्त्र है।
इस तरह आप महामृत्युंजय सिद्ध मंत्र का प्रयोग अकाल मृत्यु से बच सकते हो.
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