माता बुढ़ापा हेतु

जब कोई इन्सान बुढा हो जाता हे तो उसकी ये इच्छा रहती हे की उसका पुत्र और उसकी पुत्र वधु उसकी सेवा करे,बुढ़ापे में उसका कोई सहारा नहीं रहता हे पर आज के आधुनिक समय में कोई गर्रंटी नहीं हे की उसका पुत्र और उसकी पुत्र वधु उसकी सेवा करेंगे ही ऐसी स्थिती में में आपके लिए एक ऐसा शाबर मंत्र लेकर आया हु जिसका प्रयोग करने से आपका पुत्र और पुत्र वधु आपकी सेवा करेंगे इस मंत्र के जाप से उसका मन ही परिवर्तन हो जायेगा और माता बुढ़ापा हेतु में पुत्र और पुत्र वधु हमेशा के लिए आपकी सेवा करेंगे,

तो चलिए विस्तार से जानते हे माता बुढ़ापा हेतु पुत्र और पुत्र वधु की सेवा प्राप्त करने के लिए इस मंत्र का जाप कैसे किया जाता हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,

माता बुढ़ापा हेतु

मंत्र

माता की पीड़ जग जाने झीड़

पुत्र मान बचपन की खीर

माता से बड़ी नहीं कोई धीर

पुत्र बन चाहे तकदीर सतवीर

पुण्य धर्म का नाम सत्य करे सब काम

कौशल्या जैसी माँ मिले राम जी जैसा पुत्र मिले

रत्न माँगे माँ धरती पर उपकार करे

सत की खातिर धरती पर अवतार धरे

श्री राम जी कौशल्या को माँ का प्यार करेगी

नर नारी जगत राम जैसा व्यवहार करे

नारी कौशल्या जैसी हो राम जैसा पुत्र करे

श्री राम जी का नाम लेकर जगत में पैर घरे

जो माता को सत्य माने वह पुत्र बने

श्री राम जी की जय जयकार बने

इति सिद्धम्!!

ये मंत्र स्वयं सिद्ध शाबर मंत्र हे इसका जाप साधक को रात के सोते समय ३ बार करना हे ऐसा करने बुढ़ापे में साधक को पुत्र और पुत्र वधु की सेवा प्राप्त होगी,

इस तरह माता बुढ़ापा हेतु पुत्र और पुत्र वधु की सेवा प्राप्त करने के लिए इस मंत्र का जाप कर सकता हे.

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