मेघ स्तम्भन मंत्र से आप बारिश को बाँध सकते हो इस मंत्र का तब प्रयोग करना चाहिए जब अति से अति बारिश आने लगे और सृष्टि के जिव पर आपत्ति आने लगे तब आपको भगवान् से प्रार्थना करके इस मंत्र का प्रयोग करना चाहिए,अगर आप बिना वजह के ही इस मंत्र का प्रयोग करोगे तो आपकी सिद्धि नष्ट हो सकती हे,
बारिश एक ऐसी चीज़ हे अगर ये सामान्य आये तो फसल होती हे और लोगो के लिए पिने लायक पानी भी हो जाता हे,कई बार ऐसा होता हे अति बारिश की वजह से फसल को नुकसान होता हे और साथ साथ पशु पक्षी और वन्य जिव को भी नुकसान होता हे इन सब नुकसानी से बचने के लिए साधक को मेघ स्तम्भन मंत्र का प्रयोग करना चाहिए,
इस मंत्र की सिद्धि हासिल करके आप मेघ स्तम्भन कर सकते हो,कैसी भी बारिश हो रुक जाएगी,प्राचीन काल में जब अति बारिश आती थी तब इस मंत्र का प्रयोग होता था और राक्षस कई सालो तक बारिश बाँध देते थे इसकी वजह से जिव जानवर पानी के बिना ही मर जाते थे,
तो चलिए विस्तार से जानते हे मेघ स्तम्भन मंत्र की साधना कैसे होती हे और उसका विधि विधान क्या हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
मंत्र
ॐ नमो भगवते रुद्राय जल स्तंभय स्तंभय ठः स्वाहा:
मंत्र को सिद्ध करने का विधि विधान
इस मंत्र को सिद्ध करने के लिए साधना स्मशान में होगी दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके बैठ जाये और काली हकिक की माला से उपर्युक्त मंत्र ३ माला करे,साधना के दरमियाँन आपको ३२ सा धुप करना हे,ये विधि आपको ११ दिन तक करनी हे मंत्र सिद्ध हो जायेगा,
प्रयोग
मसाण के कोयला को सुलगा मंत्र के इसके ऊपर और एक तले पर मार्ग में अथवा रोटी करते में मेघ वर्षे तो बन्द हो।
इस तरह साधक मेघ स्तम्भन मंत्र का प्रयोग करके मेघ का स्तम्भन कर सकता हे.
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