रोगों तथा उपद्रवों

असाधारण बीमारी दूर करने के लिए इन्सान बहुत सारा समय और पैसा व्यय करता हे फिर भी उसको सफलता नहीं मिलती,जगह जगह घूमकर वो निराश हो जाता हे जब आपको दवा से या आयुर्वेदिक इलाज से कोई फरक ना पड़े तो आपको रोगों तथा उपद्रवों की शांति के लिए आपको तंत्र मंत्र का सहारा अवश्य लेना चाहिए,

तो चलिए विस्तार से जानते हे रोगों तथा उपद्रवों की शान्ति के लिये इस मंत्र का प्रयोग कैसे करे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,

रोगों तथा उपद्रवों

मंत्र

दैहिक दैविक भौतिक तापा। राम राज नहिं काहुहि व्यापा ॥

विधि विधान

जिस भी व्यक्ति को असाधारण बीमारी हे उस व्यक्ति को दिन में ३ बार ऊपर दी गई चौपाई का पाठ करना चाहिए ये विधि लगातार आप ४१ दिन तक करे रोगी को जरुर रहत मिलेगी,

जब आप रोगों और उपद्रवों की शांति के लिए मंत्र का प्रयोग करते हैं, तो आपको इसे नियमित और श्रद्धापूर्वक करना चाहिए। यहां एक मंत्र दिया गया है जिसका उपयोग आप रोगों और उपद्रवों की शांति के लिए कर सकते हैं:

“ॐ दत्तात्रेयाय नमः”

मंत्र का अर्थ है, “मैं दत्तात्रेय को नमस्कार करता हूँ।”

इस मंत्र को दिन में किसी भी समय जप कर सकते हैं, लेकिन सुबह और शाम को एक निश्चित समय चुनना उचित रहेगा। आप रोज़ाना कुछ समय इस मंत्र का ध्यान करने और जप करने में बिता सकते हैं।

कृपया ध्यान दें कि मंत्रों का जाप केवल अच्छे इंटेंशन के साथ किया जाना चाहिए और इसका किसी भी रोग या समस्या के उपचार के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। रोगों के उपचार के लिए एक वैद्य से सलाह लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है। मंत्रों का जाप आपके मन को शांत करने, शक्ति और सकारात्मकता देने, और संतुलन बनाए रखने में मदद कर सकता है, लेकिन यह विशेष रूप से रोगों को ठीक करने के लिए नहीं होता।

इस तरह साधक रोगों तथा उपद्रवों की शान्ति के लिये विविध मंत्र का प्रयोग करके रोगों से छुटकारा पा सकता हे.

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