अगर आपको ख़राब विचार आ रहे हे तो आपके लिए में एक मंत्र लेकर आया हु जिसका प्रयोग करके आप विचार शुद्ध कर सकते हो और ख़राब विचार से छुटकारा पा सकते हो,तो चलिए विस्तार से जानते हे विचार शुद्ध करने के लिए इस मंत्र का प्रयोग कैसे करते हे और उसका क्या विधि विधान हे उसके बारे में चर्चा करते हे,
विचार शुद्धि के लिए मंत्र साधना करना ध्यान और मन को संतुलित, शांत, और प्रशांत बनाने का एक उपाय हो सकता है। इस साधना के माध्यम से, आप अपने मन को शुद्ध करते हैं और विचारों को नियंत्रित करना सीखते हैं। यह आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन और स्वयं को समझने में मदद कर सकता है।
निम्नलिखित है एक साधना जो विचार शुद्धि के लिए प्रयोग किया जा सकता है:
ध्यान में बैठें:
सबसे पहले, एक शांत और चिन्हित स्थान पर बैठें। अपनी आंखें बंद करें और सुखी और गहरी सांस लेने का प्रयास करें।
मंत्र का जाप करें:
आप एक चयनित मंत्र का जाप कर सकते हैं जैसे “ओम” या “शांति”। इस मंत्र का जाप करने से मन शुद्ध होता है और विचारों को एकत्र करने में मदद मिलती है।
विचारों की निगरानी करें:
अपने मन के विचारों को आने दें और उन्हें संवेदनशीलता से देखें, लेकिन उनसे जुड़े न रहें। विचारों को आने दें और चले जाने दें जैसे कि बादल आते हैं और चले जाते हैं।
ध्यान फिर से संकेंद्रित करें:
अपने मंत्र के जाप के माध्यम से ध्यान को पुनः संकेंद्रित करें। अगर मन फिर से भटकता है, तो उसे फिर से मंत्र के जाप में ले आएं।
नियमितता:
यह साधना नियमित रूप से करने से अधिक प्रभावशाली होती है। आप इसे रोज़ाना कुछ मिनटों के लिए कर सकते हैं।
इस साधना को नियमित रूप से करने से, आप विचारों को संतुलित करने में मदद मिलेगी और एक सकारात्मक मानसिक स्थिति को प्राप्त कर सकते हैं। ध्यान और साधना को अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग बनाएं जो आपको शांति और समृद्धि की दिशा में मदद करेगा।
मंत्र
ताके जुग पद कमल मनवाऊं। जासु कृपां निरमल मति पावऊं ॥
विधि विधान
उपर्युक्त मंत्र का आपको सुबह और शाम एक एक माला जाप करना हे,जाप से पहले आप थोडा सा ध्यान करे ताकि मंत्रजाप में कोई दिक्कत न हो और ये विधि लगातार २१ दिन तक करे,
इस तरह् आप विचार शुद्ध करने के लीए ईस मंत्र का प्रयोग कर सकते हो.
यह भी पढ़े