आज में साधक मित्रो के लिए अष्ट नागिनी में से शंखिनी नागिनी की साधना लेकर आया हु, इस शक्ति की साधना करके साधक धन की प्राप्ति, सुख की प्राप्ति, दौलत की प्राप्ति और अपनी मनोकामना पूर्ण कर सकता हे, शंखिनी नागिनी मंत्र साधना साधक एकांत कमरे में कर सकता हे और पूर्ण विधि विधान के साथ साधना करने से साधक को नागिनी की सिद्धि प्राप्त हो सकती हे,
तो चलिए विस्तार से जानते हे शंखिनी नागिनी मंत्र साधना कैसे होती हे और उसका विधि विधान क्या हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
मंत्र
ॐ शंखिनी वायुमुखी हुं हुं।
मंत्र को सिद्ध करने का विधि विधान
इस मंत्र की सिद्धि के लीइ साधक को लगातार ४५ दिन तक साधना करनी पड़ेगी साधना के पहले दिन साधक को भोजपत्र पर शंखिनी नागिनी का चित्र अंकित करना हे और उसे धुप दीप दिखाकर उसको प्राण प्रतिष्ठित करना हे, आप जिस जगह पर साधना कर रहे हो उस जगह पर भोजपत्र को रखे और फिर उपर्युक्त मंत्र की एक माला करे दिन में दो बार उपर्युक्त मंत्र की माला करनी हे, मंत्रजाप के पहले और मंत्रजाप के बाद साधक को चित्र पूजन करना हे,
जो सच्चे दिल से सच्चे भाव से साधना करना चाहता हे वही साधक ही इस नागिनी की सिद्धि हासिल कर सकता हे क्योकि जो साधक ४५ दिन तक कमरे में रह सकता हो और पूर्ण रूप से ब्रह्मचर्य का पालन कर सकता हो वही साधक ही इस नागिनी की सिद्धि हासिल कर सकता हे इसलिए साधक को बहुत ही ख्याल रखना पड़ेगा इस साधना में, जब आप साधना कर रहे हो तब शंखिनी नागिनी प्रगट होकर आपके सामने खड़ी हो जाएगी तब आपको उसको वचन में बाँध लेना हे और उनसे बोलना हे की जब में बुलाऊ तब आपको मेरा कार्य सिद्ध करना हे ऐसा वचन लेकर आप इच्छित वरदान प्राप्त कर ले,
इस तरह साधक शंखिनी नागिनी साधना करके उसकी सिद्धि हासिल कर सकता हे और उनसे कार्य करवा सकता हे.
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