कही बार ऐसा होता हे बहुत प्रयत्न करने से भी कार्य सफल नहीं होता कोई उपरी बाधा या गृह की पीड़ा से भी कार्य निष्फल हो जाते हे ऐसे में साधक को सर्व कार्यसिद्धिदा यक्षिणी साधना करनी चाहिए क्योकि इस यक्षिणी की साधना से आपके हर कार्य बनने लगेंगे ऐसा कोई कार्य नहीं होता जो यक्षिणी न करे,
हिंदुस्तान में कई ऐसी जगह हे और कइ ऐसे अघोरी और तांत्रिक हाल ही में मोजूद हे जो यक्षिणी की साधना और उसको सिद्ध करके हर कार्य उनसे करवाता हे,यक्षिणी एक ऐसी शक्ति हे जो तत्काल सिद्ध होती हे उसको सिद्ध करने में बहुत ज्यादा समय और महेनत की जरुरत नहीं पड़ती,
आजकल अघोरी और तांत्रिक पैसे की लालस में आकर यक्षिणी और दूसरी शक्ति का गेर उपयोग करते हे फिर उसकी सिद्धि नष्ट हो जाती हे, मेरा आपसे एक ही निवेदन हे की इस शक्ति का या किसी भी शक्ति का कभी भी गेर उपयोग ना करे अन्यथा आपको ही भुगतना पड सकता हे,
तो चलिए इस पोस्ट में विस्तार से जानते हे सर्व कार्यसिद्धिदा यक्षिणी साधना के बारे में इसको कैसे सिद्ध किया जाये और सिद्ध करने का विधि विधान क्या हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे,
मंत्र-
ॐ वाङमयं नमः ऐं।”
साधन विधि-
कुश की जड़ में बैठकर उक्त मंत्र का एकाग्रचित्त से १००००० जप करने से सर्व कार्य सिद्धिदा यक्षिणी साधक पर प्रसन्न होकर उसके सब कार्यों को सिद्ध करती है।
उपर्युक्त विधि एक दिन की हे अगर आपसे एक दिन में साधना सम्पन्न ना हो पाए तो आप इस साधना को तीन दिन में भी कर सकते हो पर आपको जिस जगह पर साधना करते हे उस जगह पर ही सोना हे और वहां से कही भी नहीं जाना हे,
इस तरह साधक सर्व कार्यसिद्धिदा यक्षिणी साधना करके अपने हर कार्य को यक्षिणी से करवा सकता हे और अपनी मन की मुराद को पूर्ण कर सकता हे.
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