सहज स्वरूप दर्शन के लिए आप हमारे बताये गई मंत्र और टोटके का प्रयोग कर सकते हो, तो चलिए विस्तार से जानते हे सहज स्वरुप दर्शन के लिए इस मंत्र का जाप कैसे होता हे और उसका विधि विधान क्या हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
सहज स्वरूप दर्शन के लिए मंत्र साधना के लिए आप निम्नलिखित मंत्र का प्रयोग कर सकते हैं:
मंत्र
“ॐ ऐं ह्रीं क्लीं श्रीं”
यह मंत्र सौंदर्य और सहज स्वरूप के देवी को समर्पित है जिन्हें देवी संबोधित किया जाता है। यह मंत्र शक्तिशाली व सौंदर्य सम्पन्न बनाने का काम करता है और सहज स्वरूप के दर्शन की प्राप्ति में सहायक होता है।
साधना करने के लिए आप निम्नलिखित चरणों का पालन कर सकते हैं:
उपास्य देवी के प्रतिकार या मूर्ति के सामने आसन बिछाएं।
आंखें बंद करके ध्यान में आन्तरिक शांति को स्थापित करें।
मंत्र “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं श्रीं” को मन्त्र मुग्ध भाव से जाप करें।
मंत्र जाप के दौरान अपने मन में देवी की साकार छवि का ध्यान करें, उनके सान्निध्य में महसूस करें।
ध्यान में बने रहने के लिए अपने मन को भटकने न दें, और जितने विचार आएं, उन्हें धीरे से निकाल दें और पुनः देवी के ध्यान में ले आएं।
साधना के अंत में, ध्यान को धीरे से खोलें और धन्यवाद के साथ आंखें खोलें।
साधना को नियमित रूप से करने के लिए अभ्यास करें और श्रद्धा भाव से इसके प्रभाव को स्वीकार करें।
मंत्र
भगत बछल प्रभु कृपा निधाना । विश्वास प्रगटे भगवाना ॥
विधि
सहज स्वरुप दर्शन के लिए आप इस चौपाई का पाठ कर सकते हो कम से कम ११ दिन तक इस चौपाई का पाठ अवश्य करना चाहिए,इस चौपाई का पाठ सूबह और शाम एक एक माला करे,
इस तरह साधक सहज स्वरुप दर्शन के लिए हमारे बताये गई टोटके और मंत्र का प्रयोग कर सकता हे.
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