हनुमान शाबर मंत्र

हनुमानजी की साधना और उसकी सिद्धि प्राप्त करना कोई बच्चो का खेल नहीं हे जो साधक हनुमानजी की कसोटी से पार उतर सकता हे वो ही साधक सिर्फ हनुमानजी को सिद्ध कर सकता हे,हनुमानजी का कोई भी शाबर मंत्र सिद्ध करने के लिए साधक को खासकर ब्रह्मचर्य का पालन करना अनिवार्य होता हे,पूर्ण श्रद्धा और विस्वास के साथ साधना करने से आपको हनुमानजी की सिद्धि प्राप्त करने से कोई नहीं रोक सकता,

हनुमान शाबर मंत्र विशेष रूप से हिंदू धर्म में प्रचलित मंत्र हैं, जो हनुमानजी के आराधना और साधना में उपयोग किए जाते हैं। इन मंत्रों का उच्चारण और ध्यान करने से मान्यता है कि हनुमानजी की कृपा प्राप्त होती है और भक्त को निर्णायक फल प्राप्त होते हैं। हनुमान शाबर मंत्रों के अनेक प्रकार हैं, जिनमें से कुछ मुख्य मंत्र और उनके फायदे निम्नलिखित हैं:

हनुमान शाबर मंत्र

“बजरंग बाण”:

” दोहा “

“निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान।”

“तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥”

“चौपाई”

जय हनुमन्त सन्त हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी।।

जन के काज विलम्ब न कीजै। आतुर दौरि महासुख दीजै।।

जैसे कूदि सिन्धु महि पारा। सुरसा बदन पैठि विस्तारा।।

आगे जाई लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुर लोका।।

जाय विभीषण को सुख दीन्हा। सीता निरखि परमपद लीन्हा।।

बाग़ उजारि सिन्धु महँ बोरा। अति आतुर जमकातर तोरा।।

अक्षयकुमार को मारि संहारा। लूम लपेट लंक को जारा।।

लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुरपुर में भई।।

अब विलम्ब केहि कारण स्वामी। कृपा करहु उर अन्तर्यामी।।

जय जय लक्ष्मण प्राण के दाता। आतुर होय दुख हरहु निपाता।।

जै गिरिधर जै जै सुखसागर। सुर समूह समरथ भटनागर।।

ॐ हनु हनु हनुमंत हठीले। बैरिहिंं मारु बज्र की कीले।।

गदा बज्र लै बैरिहिं मारो। महाराज प्रभु दास उबारो।।

ऊँकार हुंकार प्रभु धावो। बज्र गदा हनु विलम्ब न लावो।।

ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं हनुमंत कपीसा। ऊँ हुं हुं हुं हनु अरि उर शीशा।।

सत्य होहु हरि शपथ पाय के। रामदूत धरु मारु जाय के।।

जय जय जय हनुमन्त अगाधा। दुःख पावत जन केहि अपराधा।।

पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत हौं दास तुम्हारा।।

वन उपवन, मग गिरिगृह माहीं। तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं।।

पांय परों कर ज़ोरि मनावौं। यहि अवसर अब केहि गोहरावौं।।

जय अंजनिकुमार बलवन्ता। शंकरसुवन वीर हनुमन्ता।।

बदन कराल काल कुल घालक। राम सहाय सदा प्रतिपालक।।

भूत प्रेत पिशाच निशाचर। अग्नि बेताल काल मारी मर।।

इन्हें मारु तोहिं शपथ राम की। राखु नाथ मरजाद नाम की।।

जनकसुता हरिदास कहावौ। ताकी शपथ विलम्ब न लावो।।

जय जय जय धुनि होत अकाशा। सुमिरत होत दुसह दुःख नाशा।।

चरण शरण कर ज़ोरि मनावौ। यहि अवसर अब केहि गोहरावौं।।

उठु उठु चलु तोहि राम दुहाई। पांय परों कर ज़ोरि मनाई।।

ॐ चं चं चं चं चपत चलंता। ऊँ हनु हनु हनु हनु हनुमन्ता।।

ऊँ हँ हँ हांक देत कपि चंचल। ऊँ सं सं सहमि पराने खल दल।।

अपने जन को तुरत उबारो। सुमिरत होय आनन्द हमारो।।

यह बजरंग बाण जेहि मारै। ताहि कहो फिर कौन उबारै।।

पाठ करै बजरंग बाण की। हनुमत रक्षा करै प्राण की।।

यह बजरंग बाण जो जापै। ताते भूत प्रेत सब काँपै।।

धूप देय अरु जपै हमेशा। ताके तन नहिं रहै कलेशा।।

“दोहा”

” प्रेम प्रतीतहि कपि भजै, सदा धरैं उर ध्यान। “

” तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्घ करैं हनुमान।। “

इस मंत्र को ध्यान और जप करने से भक्त को हनुमानजी की कृपा प्राप्त होती है और उनकी संकटों से रक्षा होती है। यह मंत्र शत्रुओं को पराजित करने, बीमारियों का निवारण करने और धन समृद्धि के लिए भी उपयोगी माना जाता है।

“हनुमान अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र”:

इस स्तोत्र का जाप करने से हनुमानजी के कल्याण, सुख-शांति, संकट मोचन और मनोकामना सिद्धि होती है। यह स्तोत्र भक्ति और आस्था को बढ़ाता है और भक्त को अपार शक्ति प्रदान करता है।

“हनुमान चालीसा”:

हनुमान चालीसा प्रभावशाली मंत्र है जिसे रोजाना जप करने से हनुमानजी की कृपा प्राप्त होती है। इसका पाठ करने से भक्त की बुराईयों का नाश होता है, शत्रुओं से सुरक्षा मिलती है और जीवन में सुख-शांति का आभास होता है।

“हनुमान बीज मंत्र”:

“ॐ हं हनुमते नमः” यह एक प्रमुख हनुमान बीज मंत्र है। इस मंत्र का जाप करने से भक्त को शक्ति, सुरक्षा, संकट मोचन, धन समृद्धि और सामरिक सफलता मिलती है।

“हनुमान गायत्री मंत्र”:

“ॐ अंजनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि, तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्।”

यह मंत्र हनुमानजी की आराधना और साधना के लिए प्रचलित है। इसका जाप करने से भक्त को बुद्धि, बल, स्थैर्य और ध्यान की प्राप्ति होती है।

यह मंत्र अनुष्ठानों के द्वारा और गुरु के मार्गदर्शन में ही किये जाने चाहिए। इसके अलावा, अपने इष्ट देवता के प्रति श्रद्धा और निष्ठा रखना भी महत्वपूर्ण है।

इस तरह साधक हनुमान शाबर मंत्र का प्रयोग करके हनुमानजी की कृपा दृष्टी पा सकता हे और अपने जीवन के सारे कष्टों का निवारण कर सकता हे.

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