हाजिरात का मंत्र

हाजिरात साधना ऐसी साधना हे जिसको सिद्ध करके आप किसीका भुत भविष्य जान सकते हो,कोई भी काला जादू हो या कोई भी तंत्र क्रिया हो उसको आप इस साधना के जरिये जान सकते हो,अगर आपने हाजिरात का मंत्र को सिद्ध  कर लिया तो आपको और कोई साधना करने की जरुरत नहीं हे आप इस साधना के जरिये हर कार्य हर तंत्र क्रिया चुटकी में कर सकते हो,

हाजिरात एक प्राचीन भारतीय साधना है जो तंत्र, मंत्र, और यन्त्र के अंतर्गत आती है। यह साधना विशेष रूप से वशीकरण, सम्मोहन, आकर्षण, अभिवादन, यात्रा, आकाशगामन आदि के लिए उपयुक्त मानी जाती है। हाजिरात का मंत्र किसी विशेष उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए उच्चारित किया जाता है। इसे अधिकतर अचूक और प्रभावशाली माना जाता है और इसके उपयोग को धार्मिक विधि के अंतर्गत नहीं रखा जाता है।

हाजिरात साधना का कुछ अहम चरण निम्नलिखित होते हैं:

हाजिरात का मंत्र

गुरु की कृपा:

हाजिरात साधना को करने से पहले, यह अनिवार्य है कि आप एक अनुभवी गुरु से राय लें और उनके मार्गदर्शन में ही इसे प्रारम्भ करें।

संयम:

साधना के दौरान ध्यान और संयम रखना आवश्यक है। आपको मानसिक और शारीरिक शुद्धता का पालन करना चाहिए।

मंत्र का उच्चारण:

हाजिरात साधना के लिए आपको उच्चारित करने के लिए विशेष मंत्रों का उपयोग करना होगा। इन मंत्रों का उच्चारण सटीक और विशिष्ट विधि के साथ किया जाना चाहिए।

ध्यान:

साधना के दौरान ध्यान को बनाए रखना महत्वपूर्ण है। इससे आपका मन एकाग्र होता है और साधना का प्रभाव भी बढ़ता है।

भक्ति और निष्ठा:

साधना में सफलता के लिए भक्ति और निष्ठा का अभाव नहीं होना चाहिए। आपको अपने उद्देश्य में पूरी श्रद्धा रखनी चाहिए।

समय:

साधना का समय निर्धारित करें और नियमित रूप से उसे अभ्यास करें। धैर्य रखें क्योंकि इस प्रक्रिया में फल के लिए समय लग सकता है।

हाजिरात साधना को विशेष जानकारी और अनुभव के बिना न करें। यह एक शक्तिशाली साधना होती है और इसका गलत उपयोग नकारात्मक परिणामों का कारण बन सकता है। हमेशा सत्य, न्याय, और प्रेम के मार्ग पर चलें और इसे धार्मिक उद्देश्यों के लिए नहीं उपयोग करें। इसका विधि-विधान बिना विशेषज्ञ की निगरानी के न करने का विशेष ध्यान रखें।

तो चलिए विस्तार से जानते हे हाजिरात का मंत्र कैसे सिद्ध होता हे और उसका विधि विधान क्या हे उसके बारे में चर्चा करते हे.

मंत्र

विस्मिल्लाहिर्रहमानि रहीम

खुदाई बड़ी तू बड़ा जैनुद्दीन पैगम्बर र्दुना तेरा साढ़ात

फुरो बाद ना मुरादी बेबुनियादी तुर्क नापीर

ताइयासिलार देखूं तेरी शक्ति बेगि बांधि ल्याव नौ

नाहरसिंह चौरासी कलवा बारा ब्रह्मा अठारसै शाकिनी

कामन दुसमन छल छिद्र भूत प्रेत चोर चाखर आगिय

बेताल बेगी बांधि ल्याव जो न बांधि ल्यावे तो दुहाई।

विधि विधान

शुक्रवार के दिन साधना का प्रारम्भ करे ये साधना ४५ दिन की साधना हे,साधना के दरमियाँन साधक को ब्रह्मचर्य का और स्वच्छता का ध्यान रखना अनिवार्य हे,तस्बी की माला से दिन में तीन प्रहार एक माला करे साधना के दरमियाँन सुगन्धित लोबान का धुप करे,४५ दिन तक साधना करने से हाजिरात का मंत्र सिद्ध हो जायेगा,

इस तरह साधक हाजिरात का मंत्र सिद्ध कर सकता हे और सिद्धि हासिल कर सकता हे.

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