ये शाबर मंत्र डाकिनी,शाकिनी या कोई जिन्न जिन्नात का दोष हे तो ये मंत्र रामबाण इलाज हे डाकिनी दोष का मंत्र सिद्ध करके साधक डाकिनी, शाकिनी,भुत,प्रेत और चुडेल को आसानी से भगा सकता हे,
ज्यादातर डाकिनी हो या चुडेल हो वो स्त्री को जपट में ले लेती हे क्योकि जो स्त्री श्रृंगार करके या इत्र छिड़क के उसकी जगह से गुजरती हे तो वो स्त्री डाकिनी के नज़र में आ जाती हे और उस स्त्री के शरीर में डाकिनी का वास हो जाता हे और उसको हेरान करती हे,ऐसी परिश्थिति में ये मंत्र कारगर साबित होता हे,
तो चलिए विस्तार से जानते हे डाकिनी दोष का मंत्र कैसे सिद्ध करे और इस मंत्र का प्रयोग कैसे करे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे.
मंत्र
ॐ नमो नारसिंह पार्डहार भस्मना, योगिनी बंध डाकिनी बंध चौरासी दोष बंध अष्टोत्तर शत व्याधि वंध, खेदी खेदी, भेदी, मारे मारे, सोखे सोखे, ज्वर ज्वर, प्रज्वल प्रज्वल, नारसिंह वीर की शक्ति फुरो।
मंत्र सिद्ध करने का विधान
उपर्युक्त मंत्र को सिद्ध करने के लिए साधना का प्रारम्भ किसी भी शनिवार के दिन करे ये साधना ११ दिन की साधना हे,गणेश पूजन करे और इष्ट पूजन करे फिर काली हकिक की माला से उपर्युक्त मंत्र की ७ माला करे और जिस जगाह पर साधना करते हे उस जगह पर ही जमीन पे सो जाये,साधना के दरमियान दारू और मांस से दूर रहे,
११ दिन लगातार ये साधना करने से आपकी साधना सिद्ध हो जाएगी.
प्रयोग
इस मंत्र का उच्चारण करते हुए रोगिणी को सिर से पांव तक एक सौ आठ बार झाड़ा लगाने से डाकिनी दोष समाप्त हो जाता है।
कई बार रोगी के शरीर में आकर वो डाकिनी सोलह श्रुंगार मांगती हे पर इसको कुछ देना नहीं हे उसको बिना कुछ दिए जाने देना हे और उसको वचन में लेकर जाने देना हे वरना वो वापस आ जाएगी अगर उसको भोलेनाथ की या हनुमान की दुहाई या आन दोगे तो वो रोगी के शरीर से चली जाएगी,
इस तरह साधक डाकिनी दोष का मंत्र उपयोग करके रोगी को ठीक कर सकता हे जब काम हो जाये तो काले कुत्ते को एक रोटी खिला दे और एक रोटी गाय को खिला दे.
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