आज में इस पोस्ट में साधक मित्रो के लिए तुपक बांधने का मंत्र लेकर आया हु जिसका प्रयोग करके आप तुपक को बाँध सकते हो, इस मंत्र का प्रयोग अब नहीं होता आज से कुछ ३०० साल पहले इस मंत्र का प्रयोग युद्ध के दौरान होता था,इस मंत्र का जिक्र मेरे गुरु के गुरु हे उसके हस्त लिखित पुस्तक में किया हे और वो पुस्तक मेरे पास आज भी मोजूद हे उसमे सारी क्रिया गुरुमुखी हे और अनुभव सिद्ध प्रयोग हे,
जब कुछ साल पहले टेक्नोलॉजी का विकास नहीं हुआ था तब युद्ध होते थे तब आमने सामने तुपक का प्रयोग किया जाता था इसलिए उस समय के दौरान तुपक बाँधने का प्रचलन ज्यादा था इस मंत्र की खासियत ये हे की इसका प्रयोग करके आप तुपक को बाँध सकते हो फिर सामने वाला कुछ भी करे उस तोप से गोला छुटता ही नहीं हे,
तो चलिए विस्तार से जानते हे तुपक बांधने का मंत्र कैसे काम करता हे और उसका विधि विधान क्या हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
मंत्र
ॐ नमो आदेस गुरु को जल बांधू जलवाई बांधूं बांधूं खाती ताई सवा लाख अहेड़ी बांधूं गोली चलै तो हनुमंत जती को दुहाई शब्द सांचा पिंड कांचा फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा ।
मंत्र को सिद्ध करने का विधि विधान
उपर्युक्त मंत्र की सिद्धि के लिए साधक को ११ मंगलवार तक ११ माला करनी हे यानि की ११ हर मंगलवार बाकि के दिन मंत्रजाप ना करो तो चलता हे,मंत्र जाप के समय गाय के उपले यानि उसके कंडे पर गूगल का धुप करे फिर रुद्राक्ष की माला से उपर्युक्त मंत्र की एक माला करे मंत्र सिद्ध हो जाएगा,
प्रयोग
मंत्र सिद्धि के बाद साधक जब इस मंत्र का ११ बार जाप करेगा और जिस तरफ तोप रखी हे उस पर नजर करेगा तो उसमे से गोला निकल ही नहीं पायेगा और उस तोप का बंधन हो जायेगा,
इस तरह साधक तुपक बांधने का मंत्र का प्रयोग करके तोप का बंधन कर सकता हे और इस मंत्र की खासियत ये हे की जिसके पास इस मंत्र की सिद्धि हे वो व्यक्ति हर अश्त्र का स्तम्भन कर सकता हे.
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