परी एक ऐसी शक्ति हे जिसकी छाया लगने से सामने वाला व्यक्ति हेरान और परेशान हो जाता हे कभी कभी सामान्य तांत्रिक परी की छाया का इलाज नहीं कर पाता,
आज में इस पोस्ट में परी की छाया का इलाज करने का शक्तिशाली शाबर मंत्र लेकर आया हु जिसकी सिद्धि करके आप परी की छाया का इलाज आसानी से कर सकते हो,
तो चलिए विस्तार से जानते हे परी की छाया का इलाज करने का मंत्र कैसे सिद्ध होता हे और उसका विधि विधान क्या हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे.
मंत्र
छाया परियों की परे जिहि बालक पर आय।
वाका तन निर्जीव हो प्रतिदिन घटता जाय ॥
कान पकर कर चूंटिये पीड़ा तनक न होय ।
मांखी जो खिलवाइये उलटी करने सोय ॥
जो चाहे इहि बात कों रोगी अच्छा होय।
कहूं जतन सो कीजिये निश्चें चंगा होय ॥
बनवाके लावे प्रथम एक खटोला काट।
हो सेमर की लाकड़ी या पीपर का काठ ॥
ताहि बुणावे सूत सों काचा होय जा सूत ।
पांचो रंग मंगाय के बहुरि करे करतूत ॥
उड़द चून का पूतला एक बनाकर लाय।
तिस पर रोगी अंग का मैल उतारी चढ़ाय ॥
लावण लंहगे माहिं का टूक तनकसा लाय।
पुतला के सिर पर धरे मनु उठाय
फिर पुतला को सात बर रोगी ऊपर
उसी खटोला पर धरे अरु पांचो रंग
दाय ॥
वार ।
धार ।
लेह हाथन पर जा चढ़े पीपर ऊपर ताहि ।
भिन्न भिन्न सब खोल के रंग को देय उड़ाय ॥
जो हां पर होवे नदी ताहि उतर कर जाय।
रामसत्त है है बोलके पुतला देय बहाय ॥
जो नांही होवे नदी तो उसही पीपर धार।
मुख कर धो बैठे कहीं फिर आवे निज द्वार ॥
ऐसा जतन जो कीजिये रोगी अच्छा होय।
फिर पास आवे रोग नहीं प्रतिदिन अच्छा होय ॥
मंत्र को सिद्ध करने का विधि विधान
इस मंत्र की सिद्धि करने के लिए आपको ११ दिन की साधना करनी पड़ेगी,मंगलवार से साधना का प्रारम्भ होगा आपको सुबह और शाम इस मंत्र का २१ बार जाप करना हे और जाप करते समय आपको चारमुखी दीपक प्रज्वलित करना हे,ये विधि लगातार आपको ११ दिन तक करनी हे मंत्र सिद्ध हो जायेगा,
प्रयोग
जब भी किसी व्यक्ति पर परी की छाया हो तो आपको इस मंत्र का ११ बार पाठ करके पानी को अभिमंत्रित कर लेना हे और उस पानी को रोगी को पिला देना हे तुरंत ही परी की छाया का इलाज हो जायेगा और व्यक्ति स्वस्थ हो जायेगा,
इस तरह आप परी की छाया का इलाज कर सकते हो और रोगी को ठीक कर सकते हो.
यह भी पढ़े