इंद्रजाल का नाम आप सब साधक मित्रो ने सुना ही होगा जो लोग जादू का खेल करते हे कीमिया करते हे उसके पास इंद्रजाल की सिद्धि होती हे, इंद्रजाल को सिद्ध करके वो जो चाहे वही दिखा सकता हे, जादूगर के पास इंद्रजाल विधा और नज़र बंधी की विधा होती हे इसके जरिये वो जादू का खेल करते हे, आज में आपको पनिहारी का घड़ा तोड़ने का शक्तिशाली मंत्र लेकर आया हु इसका प्रयोग करके आप पनिहारी का घड़ा तोड़ सकते हो,
जब कोई साधक इस मंत्र तंत्र का प्रयोग करे तब ये ध्यान रखे की स्त्री जानी पहेचानी हो तब जाकर ही उसका घड़ा तोड़े परे स्त्री का घड़ा तोड़ने की मुर्खता कभी ना करे,
तो चलिए विस्तार से जानते हे पनिहारी का घड़ा तोड़ने के लिए इस मंत्र का प्रयोग कैसे करे और इसका विधि विधान क्या हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
मंत्र
अंत मांस का मंगल आवे । जब यह जतन करावे ॥
जो कुम्हार का डोरा लावे। गूगर अग्नि धरावे ॥
रात्रि में जलपग धरि बैठे दक्षिण मुख हो जावे।
गन मांझ दृष्टि को राखे, अंतभाव ना लावे ॥
उस डोरा में सात गांठि दे जब जब तारा टूटे।
गूगर धूनी देकर उसको मन इच्छा फल वूटे ॥
बहुरू डोरा लाय के नाखे मारग में पन घट के।
लावत ही घट पनिहारी का फूट जाय वे खटक ॥
प्रयोग
इंद्रजाल के जितने मंत्र होते हे वो सब मंत्र स्वयं सिद्ध मंत्र होते हे और मंत्र में ही प्रयोग करने की विधि बताई जाती हे इसलिए आप लोग मंत्र में से ही प्रयोग करे पहले पूरा मंत्र पढ़े और जो सामग्री लगे उसको लिख के रखे फिर प्रयोग करे,
लोहा की पाटी पर लिखवाने की विधि
मंत्र
नौसादर अरू नीलाथोथा जो कोई मंगवावे ।
दोनों वस्तु को नीबू का रस मांझ मेल पिसवावे ॥
लोहा की पाटी पर लिखके जाय कहीं धरवावे ।
अक्षर पाटी में धसि जावे ले स्याही भरवावे ॥
चाकू ऊपर नाम लिखावे ताको चोर न लेवे।
विद्या जाने बहुफल पावे जो मांगे तिहि देवे ।।
इस मंत्र से आप लोहे की पाटी पर आसानी से लिख सकते हो ये मंत्र इंद्रजाल का मंत्र हे इसलिए आपको मंत्र में जो जो सामग्री का निर्देश किया गया हे उस सामग्री को इकट्ठी करनी पड़ेगी फिर प्रयोग करे,
इस तरह साधक पनिहारी का घड़ा तोड़ सकता हे बस आपको ये ध्यान रखना हे की इस इंद्रजाल की विधा का प्रयोग गलत कार्य के लिए कदापि ना करे.
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