यात्रा और लम्बे प्रवास में अगर आपको जाना हे तो आपको आनेवाले हर विघ्न का सामना करने के लिए आपको इस मंत्र का प्रयोग करना चाहिए,यात्रा की सफलता के लिए आप इस मंत्र का प्रयोग कर सकते हो,
तो चलिए विस्तार से जानते हे यात्रा की सफलता के लिए इस मंत्र का प्रयोग कैसे करे और उसका विधि विधान क्या हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
मंत्र
प्रविसि नगर कीजै सब काजा । हृदयं राखि कोसलपुर राजा ॥
विधि विधान
जब आप लम्बे प्रवास या लम्बी यात्रा पर निकलो तब आपको इस मंत्र का जाप करके निकलना चाहिए कम से कम उपर्युक्त मंत्र की ७ माला करके यात्रा का आरम्भ कर सकते हे,
यात्रा की सफलता के लिए प्रवास यात्रा विघ्ननाशक मंत्र का उपयोग किया जा सकता है। ये मंत्र आपकी यात्रा में बाधाओं को दूर करने और सुरक्षित यात्रा के लिए शक्ति प्रदान करने में मदद कर सकता है। मन्त्र का जाप अपनी भाषा में अथवा संस्कृत में किया जा सकता है।
यात्रा विघ्ननाशक मंत्र:
“ॐ गं गणपतये नमः॥”
यह वक्रतुण्ड गणेश का मंत्र है, जिन्हें विघ्नहर्ता के रूप में जाना जाता है, जिसका अर्थ है, “हे वक्रतुण्ड (बेंदियों वाले) गणेश, तुझे नमस्कार।” गणेश भगवान को विधि-विधानपूर्वक पूजन एवं मन्त्रजाप करने से यात्रा के दौरान आने वाले सारे विघ्न दूर हो सकते हैं और यात्रा सुखद बन सकती है।
यह मंत्र जाप करने से पहले, आप अपने यात्रा की समय-स्थान, दिशा, दूरी आदि की देखभाल करना भी न भूलें। यात्रा से पहले, आपको अपने यात्रा के लक्ष्य और उद्देश्य को स्पष्ट करना चाहिए और यात्रा की तैयारियों को ध्यान से करना अनिवार्य है। सुरक्षित रहें और अपने स्थानीय नियमों का पालन करें।
ध्यान दें कि यह मंत्र भक्ति भाव से सराहनीय है और इसका उपयोग सिर्फ धार्मिक यात्रा के लिए ही किया जाना चाहिए। यदि आप यात्रा पर जाने से पहले इस मंत्र का जाप करना चाहते हैं, तो आपको एक स्थान पर ध्यान देना चाहिए और मंत्र का जाप करते समय गणेश भगवान की आराधना करनी चाहिए।
इस तरह साधक यात्रा की सफलता के लिये हमारे दिए गई मंत्र का प्रयोग करके आनेवाले विघ्न से बच सकता हे.
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