माता बगलामुखी दस महाविधा में आनेवाली शक्ति हे और उसकी साधना ज्यादातर अघोरी और तांत्रिक लोग किया करते हे,बगलामुखी हर तांत्रिक क्रिया करने में माहिर हे पर इसका ज्यादातर उपयोग शत्रु मारण और वशीकरण कार्य करने में किया जाता हे,बगलामुखी ध्यान करके साधक माता की कृपा दृष्टी पा सकता हे,
माता बगलामुखी की साधना करने से पूर्व उसका ध्यान किया जाता हे फिर जाकर बगलामुखी की साधना की जाती हे,
बगलामुखी, हिन्दू धर्म में मां दुर्गा के अष्टम मंदिरों में से एक देवी है जिन्हें अष्टम देवी के रूप में भी जाना जाता है। वह सत्त्विक शक्ति का प्रतीक होती है और शांति, सौभाग्य और सुरक्षा की प्रतीक्षा करने वाले भक्तों की सेवा करती है। बगलामुखी का ध्यान करने से आप अपने मन को शांत कर सकते हैं, भय और आंधविश्वास को दूर कर सकते हैं और सामर्थ्य और सफलता की प्राप्ति कर सकते हैं।
यहां माँ बगलामुखी के ध्यान को करने के एक साधारण प्रक्रिया का वर्णन दिया गया है:
उचित स्थान का चयन करें:
ध्यान करने के लिए एक शांत और पवित्र स्थान चुनें, जहां आपको अविक्षिप्त माहौल मिल सके।
समय का चयन करें:
संध्या या सुबह के समय ध्यान करना अधिक उपयुक्त माना जाता है, लेकिन आप अपनी सुविधा के अनुसार भी ध्यान कर सकते हैं।
आसन बनाएँ:
सुखासन या पद्मासन जैसे स्थिर और आरामदायक आसन में बैठें। अपनी स्पाइनल कॉर्ड सीधी रखें और शरीर को छोड़ दें।
शुद्धिकरण करें:
अपने शरीर को और मन को शुद्ध करने के लिए अपने आप को अर्पित करें। इसके लिए आप मंत्र जप, प्राणायाम या मेडिटेशन का उपयोग कर सकते हैं।
मां बगलामुखी की मूर्ति या चित्र की ओर ध्यान केंद्रित करें:
आंतरिक ध्यान में, आप मां बगलामुखी की मूर्ति या चित्र को देखकर उनके आभा में ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। उनके मुख की दृष्टि को दिमाग में जमा करें।
मंत्र जप करें:
मां बगलामुखी के मंत्र ‘ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा’ का जाप करें। ध्यान के दौरान, मंत्र को मनस्तब्ध करते हुए बार-बार मन्त्र का जप करें।
शांति और आनंद का अनुभव करें:
ध्यान करते समय शांति और आनंद की अनुभूति करने का प्रयास करें। अपने मन को खाली और स्थिर रखने की कोशिश करें और मां बगलामुखी की कृपा और आशीर्वाद की प्रार्थना करें।
माँ बगलामुखी का ध्यान करते समय, आपको सदैव समर्पित और आत्मनिर्भर रहना चाहिए। ध्यान के दौरान नियमित रूप से अभ्यास करना अच्छा होगा ताकि आप उनकी कृपा को और अधिक प्राप्त कर सकें।
माता का ध्यान
मध्येसुधाब्धिमणिमण्डपरत्नवेदीसिंहासनोपरिगतां परि-
पीतवर्णाम् । पीताम्बराभरणमालविभूषिताङ्गों देवीं
नमामि धृतमुद्गरवैरिजिह्वाम् ॥ जिह्वाग्रमादाय करेण
देवी वामेन शत्रून् परपीडयन्तीम् । गदाभिघातेन च
दक्षिणेन पीताम्बराढचा द्विभुजां नमामि ॥
बगलामुखी की साधना करने से पहले आप उपर्युक्त बगलामुखी ध्यान करे फिर साधना का जो मंत्र हे उसका जाप कर सकते हो.
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