माता कामाख्या की साधना मुख्यतः तांत्रिक लोग और अघोरी लोग करते हे,माता कामाख्या तंत्र की देवी मानी जाती हे,पुरे भारत से तांत्रिक लोग कामाख्या पीठ जाकर माता की आराधना और साधना करते हे,तंत्र और मंत्र में ऐसा एक भी काम नहीं हे जो माता कामाख्या से ना हो,आज में यहाँ आपको इस पोस्ट में कामाख्या साधना मंत्र देने वाला हु जिसको सिद्ध करके आप माता कामाख्या को प्रसन्न कर सकते हो,
तो चलिए विस्तार से जानते हे कामाख्या साधना मंत्र कैसे सिद्ध होता हे और उसका विधि विधान क्या हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
कामाख्या साधना एक प्रमुख तांत्रिक साधना है जो माता कामाख्या की पूजा और उनके शक्तिपीठ के पास स्थित मंदिर में की जाती है। यह साधना विभिन्न प्रकार की मंत्र, पूजा, जाप, ध्यान, और अन्य तांत्रिक क्रियाओं का एक समृद्धिपूर्ण अनुभव प्रदान करने के लिए की जाती है। कामाख्या मंदिर, जो भारत के आसाम राज्य में स्थित है, इस साधना के लिए प्रसिद्ध है।
कामाख्या साधना करने के लिए आपको किसी प्राणिक गुरु की मार्गदर्शन और अनुशासन की आवश्यकता होती है, क्योंकि यह तांत्रिक साधना है और गलत रूप से किया जाने पर घातक हो सकता है। साधक को पूरी ईमानदारी, आवश्यक आचरण, और आध्यात्मिक नियमों का पालन करना चाहिए।
माता कामाख्या की साधना के लिए कुछ महत्वपूर्ण मंत्र होते हैं, जिनमें से कुछ मंत्र निम्नलिखित हैं:
“ॐ क्लीं कामाख्या देव्यै नमः।” (Om Kleem Kamakhya Devyai Namah)
“ॐ क्लीं कामाख्या अमुकं वशं कुरु कुरु स्वाहा।” (Om Kleem Kamakhya Amukam Vasham Kuru Kuru Swaha)
“ॐ श्री क्लीं कामाख्या नमः।” (Om Shri Kleem Kamakhya Namah)
यदि आप कामाख्या साधना करने का नियमित और ईमानदारी रूप से आचरण करना चाहते हैं, तो आपको इसे एक गुरु के मार्गदर्शन में करना चाहिए। गुरु आपको साधना की सही विधि, मंत्र, और क्रियाओं का उपदेश देंगे और साधना की मार्गदर्शन करेंगे।
कृपया ध्यान दें कि तांत्रिक साधना को सावधानीपूर्वक और समझदारी से करना चाहिए, और यह ज्ञानपूर्ण और आध्यात्मिक उन्नति के लिए होनी चाहिए, न कि किसी दुरुपयोग के लिए।
यह साधना कहीं भी रहकर कि जा सकती है। यह अत्यधिक प्रभावशाली है। किसी भी कृष्ण पक्ष में नवमी को मध्य रात्रि लाल आसन पर पूरब दिशा में मुख करके बैठें, सामने देवी कामाख्या की तस्वीर स्थापित करें। सिंदूर तथा तिल का तेल मिश्रितकर पानी वाले नारियल पर टीका लगाएँ तथा देवी को अर्पित करें। ध्यान रखें नारियल की जटा को हटाना नहीं है। पंचोपचार विधि से पूजन करें। प्रसाद अर्पित करें। इसके बाद विधिवत हाथ में जल लेकर जाप के लिए संकल्प लें तथा निम्नलिखित मंत्र का इक्कीस माला प्रतिदिन तीन दिनों तक करें-
मंत्र
ऊँ त्रीं नमः
विधि
जाप के लिए मूँगे की माला उपयोग करें। तीन दिन के बाद जाप समाप्त होने पर नारियल किसी नदी में ससम्मान प्रवाहित कर दें।
इस तरह साधक कामाख्या साधना करके माता कामाख्या की सिद्धि हासिल कर सकता हे और उसकी मनोकामना पूर्ति कर सकता हे.
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