वीर साधना बहुत ही शक्तिशाली साधना हे और इसकी सिद्धि करके आप एक साथ ५२ वीर की सिद्धि हासिल कर सकते हो, वीर साधना करके साधक हर प्रकार के तंत्र के काम कर सकता हे और किसी भी तंत्र की काट आसानी से कर सकता हे,
तो चलिए विस्तार से जानते हे वीर साधना कैसे होती हे और उसका क्या विधि विधान हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
गुप्त नवरात्री और कई अन्य दिनों में भी साधक वीर की साधना कर सकता हे मुख्यतः 52 वीर हे वीर के नाम इस प्रकार हे।
1)क्षेत्र पाल वीर
2)कपिल वीर
3)बटुक वीर
- नृसिंह वीर
- गोपाल वीर
- भैरव वीर
- गरूढ़ वीर
08.महाकाल वीर
09. काल वीर
- देवसेन वीर
- घंटापथ वीर
- रुद्रवीर
- तेरासंघ वीर
- वरुण वीर
- कंधर्व वीर
- हंस वीर
- लौन्कडिया वीर
- वहि वीर
- प्रियमित्र वीर
- कारु वीर
- अदृश्य वीर
- वल्लभ वीर
- वज्र वीर
- महाकाली वीर
- महालाभ वीर
- तुंगभद्र वीर
- विद्याधर वीर
- घंटाकर्ण वीर
- बैद्यनाथ वीर
- विभीषण वीर
- फाहेतक वीर
- पितृ वीर
- खड्ग वीर
- नाघस्ट वीर
- प्रदुम्न वीर
- श्मशान वीर
- भरुदग वीर
- काकेलेकर वीर
- कंफिलाभ वीर
- अस्थिमुख वीर
- रेतोवेद्य वीर
- नकुल वीर
- शौनक वीर
- कालमुख
- भूतबैरव वीर
- पैशाच वीर
- त्रिमुख वीर
- डचक वीर
- अट्टलाद वीर
- वास्मित्र वीर
- ५१ स्वर्ण वीर
- ५२ रक्तस्वर्ण वीर
52 वीर की साधना तांत्रिक साधना हे गुरु के सानिध्य में साधना करोगे तो सफलता जरूर मिलेगी, 52 वीर की साधना एकांत कमरे में या स्मशान में की जाती हे , साधना के दरमियान ब्रह्मचर्य का पालन करना बहुत जरुरी हे साधना का समय रात्रि के 12 बजे के बाद कर सकते हे, वीर की साधना करने से पहले महाकाली की पूजा करना बहुत अनिवार्य हे।
जब 52 वीर सिद्ध हो जाये तब उसका उपयोग किसीके कष्ट दूर करने के लिए कर सकते हे अगर इन वीरो को गलत तरीके से भेजोगे या इस्तेमाल करोगे तो इसका परिणाम बुरा आ सकता हे।
इस तरह साधक वीर साधना करके ५२ वीर की सिद्धि हासिल कर सकता हे और बड़ा तांत्रिक बन सकता हे.
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