आज में साधक मित्रो के लिए लघु मृत्युंजय मंत्र लेकर आया हु इस मंत्र का प्रयोग करके आप आकस्मिक मृत्यु से बच सकते हो और आनेवाली मुसीबतों का सामना कर सकता हे, जो साधक महा मृत्यंजय मंत्र का जाप नहीं कर सकता उस साधक को इस लघु मृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए,
महा मृत्युंजय मंत्र और लघु मृत्युंजय मंत्र एक तरह ही काम करता हे दोनों आकस्मिक मृत्यु से बचाता हे और आनेवाली बाधा का निवारण करता हे, हमारे देश के अघोरी लोग शिव का महा मृत्युंजय मंत्र सिद्ध करके आकस्मिक मृत्यु से बचता हे और मौत को भी बाँधने की क्षमता रखता हे,
मंत्र
ॐ जूं सः (नाम जिसके लिये किया जाय) पालय पालय सः जूं ॐ ।
मंत्र को सिद्ध करने का विधि विधान
इस मन्त्र का ११ लाख जप तथा एक लाख दस हजार दशांश का जप करने से सब प्रकार के रोगों का नाश होता है इतना न हो तो कम-से-कम सवा लाख जप और साढ़े बारह हजार दशांश जप अवश्य करना चाहिये। इसके आगे लिखा यंत्र भी हाथ में बांध देना चाहिये ।
इसे भोजपत्र पर अष्टगंध से लिखकर गुगुल धूप देकर पुरुष के दाहिने हाथ और स्त्री के बायें हाथ में बांध देना चाहिये। गोत्र, पिता का नाम, पुत्र या पुत्री (रोगी का नाम यथा स्थान) लिख देना चाहिये।
साधक को यन्त्र बनाकर उसका पूजन भी करना चाहिए, आप सुबह शाम यन्त्र का पूजन कर सकते हो ताकि यन्त्र सिद्धि भी मिल जाये इस यन्त्र को आप धारण भी कर सकते हो और किसी दुसरे के हाथ में भी बाँध सकते हो,
साधक लघु मृत्युंजय का जाप करके संकट को टाल सकता हे और आकस्मिक मृत्यु से भी बच सकता हे इस तरह साधक लघु मृत्युंजय मंत्र का प्रयोग करके अपने जीवन को सुखमय बना सकता हे.
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