अहिरावण का ये मंत्र बहुत ही प्रचंड हे,अहिरावण एक मायावी शक्ति हे और ये रावण का भाई हे,श्री राम को रोकने लिए और उससे भिड़ने के लिए रावण ने अपने भाई अहिरावण को बुलाया था,कहा जाता हे की अहिरावण ने माँ भवानी की साधना की थी और उसके पास माँ भवानी की सिद्धि थी इसका उसने प्रयोग करके श्री राम और लक्स्मन को बेहोश कर दिया था,अहिरावण ने माँ भवानी को प्रसन्न करने के लिए अहिरावण ने पाच जगह पर पाच दीपक प्रवलित किये थे जब तक वो दीपक जलता रहे तब तक उसको कोई छु भी नहीं सकता था,पर हनुमानजी ने पंचमुखी हनुमान का रूप धारण करके उस दीपक को एकसाथ बुजा दिया था और उसकी मायावी शक्ति का अंत कर दिया था,यहाँ में आपको अहिरावण मंत्र साधना देने वाला हु आप इस मंत्र की साधना कर सकते हो,
तो चलिए विस्तार से जानते हे अहिरावण मंत्र साधना के बारे में और उसके विधि विधान के बारे में जानते हे,
मन्त्र-
अहिरावण प्रज्वलितम् विकिराजवियम प्रमुखम् सिध्यार्थम्
परूक्रिया विजम प्रफुल्लीतम विकिर्णम जयवितम सर्वोपरि संसारम्
माला जपम् सिध्यार्मि मुनि रकम् विद्यार्थम् नित्या नित्या भंजनम्
जय अहिंरावण विजयाकम नमन नमन
अहिंरावण विद्या अनुपम भागिवितम् पृथ्वीशणम्
देवी काली अनुपमम आत्मा प्रशारणम् प्राकृतिक वायुशमम्
मनु विकितम् भ्रमणम पारयुजम निर्मिक्तम सैहवारिजम
अहिंरावण विजयकम भानु कर्णम नमन नमन !!
जो मनुष्य इज्जत मान न करता हो
प्रयोग विधि-
सांड का गोबर सुखाकर सुखी खास मिलाकर फूंक कर भभुति बना लो फिर सिद्ध करो।
मंत्र को सिद्ध करने विधि विधान
इस मंत्र को सिद्ध करने के लिए साधना ११ दिन तक करे,साधना का प्रारम्भ मंगलवार से करे एकांत कमरे में साधना करे,एक बाजोठ लेकर उस पर अहिरावण की प्रतिमा स्थापित करे और एक बाजू माँ भवानी की प्रतिमा रखे फिर दिन में तीन प्रहर एक एक माला करे,साधना के दरमियान ब्रह्मचर्य का पालन करे ११ दिन तक पूर्ण श्रद्धा और विस्वास के साथ जाप करने से मंत्र सिद्ध हो जायेगा,इस मंत्र की सिद्धि से आप हर षट कर्म कर सकते हो कोई भी कार्य आप आसानी से कर सकते हो,किसी भी तंत्र की काट भी कर सकते हो,
इस तरह आप अहिरावण मंत्र साधना करके उसकी सिद्धि हासिल कर सकते हो.
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