संकट से बचने के लिए हमारे शास्त्र में बहुत सारे मंत्र और उसकी विधि दी हे पर में आपको आज यहाँ इस पोस्ट में कवच बाण देने वाला हु जिसका प्रयोग करके आप संकट से बच सकते हो,
संकट से बचने के लिए मंत्र साधना कई तरह की हो सकती हैं, इसमें अलग-अलग धर्मों और परंपराओं के अनुसार विभिन्न मंत्रों का उपयोग किया जाता है। मंत्र साधना के द्वारा आप अपनी भक्ति, आत्मविश्वास और शक्ति को मजबूत कर सकते हैं तथा संकटों से बचने एवं समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं।
यहां एक प्रमुख मंत्र साधना को उपलब्ध करवा रहा हूँ, जिसे आप अपनी संयमित और निष्ठापूर्वक अभ्यास कर सकते हैं:
मंत्र:
“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे, सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्, मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥”
इस मंत्र को विशेष ध्यान और समर्पण के साथ रोजाना सुबह-शाम जाप करने से आपकी सुरक्षा और संकट से बचाव में सहायता मिल सकती है। आप इसे मनसा जाप कर सकते हैं या इसे माला के जरिए गणना करते हुए जप सकते हैं।
मंत्र साधना करते समय, ध्यान और मन को एकाग्र करने के लिए शांत और प्राकृतिक वातावरण में बैठें और स्थिरता प्राप्त करें। मन्त्र का जाप करते समय, मंत्र के शब्दों को स्पष्टता के साथ चिन्तन करें और उनका अर्थ ध्यान से समझें। इस प्रक्रिया को नियमित रूप से करने से आपका आंतरिक शक्ति बढ़ेगी और संकटों से बचने में सहायता मिलेगी।
याद रखें कि मंत्र साधना मन को शांत, स्थिर और निष्ठापूर्वक बनाने के लिए होती है, इसलिए नियमितता और आदर्श मनःस्थिति के साथ इसे अपने जीवन में शामिल करना चाहिए। विशेष परामर्श और निर्देशों के लिए, आपके धार्मिक गुरु या संगठन की सलाह लेना उचित होगा।
कवच बाण
ॐ शैहस्त्रबाहु सैहस्त्रबाहु शुभ्रोंबानी
यथानि यथानि वैहत्तर नाडी
घेंवेंरिन्तीन जडस्वी पावन
मीनारक्षी भैरवी कालवी भस्मदिनि
समसाण स्वामिनि यशस्वी यशस्वी
देव काली काल भैरवी, समष्टि समष्टि
फट् फट् रानी स्वामिनि प्रजायनी मतिरानी
भोगणी जाग्रणी भारतणवति भिक्षुणी
मुझे अपना कवच नजराना पहनाओ
इति सिद्धम्!!
जब भी कोई संकट आ जाये तब साधक मित्र को ऊपर दिया गया कवच बाण का प्रयोग सुबह और शाम ११ बार जाप करना चाहिए कम से कम ७ दिन करे कैसा भी संकट हो आप उसमे से निकल जाओगे.
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