किसी स्त्री को गर्भ रहेता ना हो बार बार गर्भ गिर जाता हो तो ये इस मंत्र से गर्भ स्तम्भन किया जाता हे,आज के इस आधुनिक समय में हर रोग का हर समस्या का इलाज हे आप पहले अस्पताल में भी जा सकते हो अगर ठीक से परिणाम ना मिले तो ही आपको तंत्र मंत्र का सहारा लेना चाहिए,
तो चलिए विस्तार से जानते हे गर्भ स्तम्भन मंत्र को कैसे सिद्ध किया जाता हे और उसका प्रयोग कैसे किया जाता हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
मंत्र
ॐ नमो आदेश गुरु को ।
जय जय जय जय जयकार।
गोरख बैठा घोरूवार ।
जब लग राज विभीषण करै।
गौरा कात्या कातना ।
ईश्वर बांध्या गंडा |
राखु राखु श्री हनुमन्त बजरंग ।
जो छिटका परता।
अंडा दूध पूत ।
ईश्वर की माया ।
पड़ता गर्भ ।
श्री गोरखनाथ जी रखाया।
मेरी भक्ति। गुरु की शक्ति।
फुरो मन्त्र । ईश्वरो वाचा ॥
मंत्र को सिद्ध करने का विधान
इस मंत्र को सिद्ध करने के लिए साधना २१ दिन तक करे,साधना का प्रारम्भ मंगलवार से करे पूर्व दिशा की तरफ मुख करके रुद्राक्ष की माला से सुबह और शाम एक एक माला करे,सुबह का मंत्रजाप ब्रह्ममुर्हुत में करे,साधना के दरमियान सुगन्धित अगरबत्ती जलाये और सामने तेल का दीपक भी जलाये,२१ दिन तक पूर्ण रूप से ब्रह्मचर्य का पालन करे,साधना के दरमियान एक रोटी लेकर उसपर घी लगाये और उस रोटी को गाय को खिलादे,इस तरह आप पूर्ण विस्वास और श्रधा से साधना करोगे तो ये मंत्र सिद्ध हो जायेगा,
प्रयोग
काले रंग का धागा लेकर इस मन्त्र से १०८ बार शक्तिकृत करके गर्भवती स्त्री की कमर पर बंधवा दें तो प्रभु कृपा से गिरता हुआ गर्भ रुक जायेगा।
इस तरह साधक गर्भ स्तम्भन मंत्र को सिद्ध करके गिरता हुआ गर्भ को स्तम्भन कर सकते हे इस मंत्र के प्रयोग से आपको अवश्य लाभ होगा क्योकि ये मंत्र बहुत ही शक्तिशाली मंत्र हे.
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