जब आप लम्बी यात्रा पर जा रहे हो तब आपको हमारे दिए गई दुर्घटना से बचाव करने का मंत्र का प्रयोग करना चाहिए,अकस्मात एक ऐसी चीज़ हे जो इन्सान को पूछकर नहीं आती फिर भी सतर्क रहना बहुत जरुरी हे,आप किसी वाहन चला रहे हो तो आपको ध्यान रखना जरुरी होता हे और साथ साथ जब लम्बी यात्रा करने निकलो तब आपको हमारे दिए गई मंत्र का जाप भी करना चाहिए,
तो चलिए विस्तार से जानते हे दुर्घटना से बचाव का मंत्र कैसे जाप किया जाता हे उसका विधि विधान क्या हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
अकस्मात से बचने का मंत्र है, “सुरक्षा सदैव प्राथमिकता, सतर्कता हमारी जीवन ध्येय। वाहनों में संयम और सुरक्षा के बंधन, दुर्घटनाओं से रहें हमेशा दूर हम।” यह मंत्र हमें सुरक्षित रहने के लिए अपने आसपास की सुरक्षा को प्राथमिकता देने का उपदेश देता है। इसमें हमारे वाहनों में संयम और सुरक्षा के बंधन रखने की बात कही गई है, जो हमें अपनी यात्राओं के दौरान सुरक्षित रखने में मदद करेगा। इसके साथ ही, हमेशा सतर्क रहने की आवश्यकता है और दुर्घटनाओं से दूर रहने के लिए उचित सावधानी बरतनी चाहिए।
मंत्र
पंथान सुपथा रक्षे मार्ग क्षेमंकरी तथा राजद्वारे महालक्ष्मी सर्वतः स्थिता।
आप पैदल जाने वाले हों या वाहनादि द्वारा, आसपास जाएं या लंबी यात्रा पर उपरोक्त मंत्र को ग्यारह बार जपकर ही घर से बाहर निकलें। आपके साथ कोई दुर्घटना नहीं घटेगी और आपका जीवन सदा सुरक्षित रहेगा।
हिंसक पशु से रक्षा का मंत्र
ॐ नमो परमात्मने परब्रह्म मम शरीरे, पाहि पाहि कुरु कुरु स्वाहा।
जब कभी आपको किसी जंगल इत्यादि को पार कर जाना हो तो उपर्युक्त मंत्र को लगातार जपते रहें। हर प्रकार के हिंसक जीवों से आप रक्षित रहेंगे।
इस तरह आप दुर्घटना से बचाव मंत्र और हिंसक पशु से बचाव मंत्र का प्रयोग करके दुर्घटना से बच सकते हो और हिंसक पशु से भी बचाव कर सकते हो.
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