यदि किसी जन समूह पर आपत्ति आ जाय, नर नर का भक्षण करने लगे तभी ब्रह्म अस्त्र का प्रयोग करना है ब्रह्म अस्त्र मंत्र विभिन्न आध्यात्मिक और धार्मिक पाठशालाओं में प्रयोग होने वाले मंत्रों में से एक है। यह एक पावन और शक्तिशाली मंत्र है जो ब्रह्मा, जगदेवता और सृष्टि के निर्माता की प्रार्थना और स्तुति का प्रतिष्ठान करता है। इस मंत्र का उच्चारण और ध्यान आध्यात्मिक और मेधावी वृत्ति को प्राप्त करने, ब्रह्मज्ञान के प्राप्ति और शक्तिशाली बनने में सहायता करता है।
ब्रह्म अस्त्र मंत्र:
ॐ ब्रह्मणे नमः।
(Om Brahmaṇe Namah)
इस मंत्र का उच्चारण करने से पहले, ध्यान करें और मन में शांति एवं ध्यान की स्थिति में आएं। इसके बाद मंत्र को ध्यात्व आवाज़ में बारंबार उच्चारित करें या मनसा उच्चारण करें। इस प्रकार का उच्चारण आपको अपने आंतरिक स्वरूप के साथ जोड़ देगा और आपको अधिक समर्पित और प्रभावशाली बनाएगा।
यदि आप इस मंत्र का उच्चारण करना चाहते हैं, तो मैं आपको सलाह देता हूँ कि इसे ध्यान और मेधा की स्थिति में उच्चारित करें और उसके लिए एक आध्यात्मिक गुरु की मार्गदर्शन में कार्य करें।
मंत्र
ॐ ब्रह्म अस्त्र अस्त्र भारम् उतारयन्ति पुकारम्
त्रिलोकिकम् नमः नमः आगच्छिन्ति तीव्र गतिम
ब्रह्म अस्त्राणि नमामी नमामी ब्रह्म अस्त्रम् गेरुआ रंगम्
धरती पुकारम् धरती भारम उतरयन्ति
ब्रह्म ज्ञानी ब्रह्म योगी ब्रह्म संसार व्यापन
यदा यदा सेवितम् पालेनेमिसागरम्
नमः नमः ब्रह्म अस्त्रादि भेदनं करियन्ति,
नमः नमः भवः सागर तैरान्ति
यजौंहि पालिनि पूर्वा अस्ती धर्मानि धर्मानि पच्छयन्ति पच्छयन्ति नमामी नमामी
इति सिद्धम्!!
मंत्र को सिद्ध करने का विधि विधान
ये शाबर मंत्र स्वयं सिद्ध मंत्र हे और इसकी सिद्धि नवनाथ ने भी की थी,इस मंत्र को सिर्फ जागृत करने की आवश्यकता रहेती हे,इस मंत्र की सिद्धि के लिए साधक को २१ दिन तक ब्रह्म्मुर्हुत में उठकर स्नान करके एक माला करनी हे मंत्र जागृत हो जायेगा,
जब भी जनजीवन पर या आप पर कोई बड़ी आफत आनेवाली हो तब इस ब्रह्म अस्त्र का प्रयोग करना चाहिए,इस मंत्र के प्रयोग से आनेवाली आफत का निवारण हो जाता हे,इस मंत्र के जरिये आप ब्रह्म अस्त्र मंत्र छोड़ सकते हो प्राचीन काल में इस मंत्र का प्रयोग युद्ध के दरमियान किया जाता था.
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